हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी 25 मई से: कोसा वस्त्रों के साथ टेराकोटा, बेलमेटल के हस्तशिल्प होंगे आकर्षण का केंद्र
बिलासपुर /ग्रामोद्योग विभाग द्वारा जिला हाथकरघा कार्यालय के माध्यम से 25 मई से 1 जून तक आठ दिवसीय कोसा एवं कॉटन ऑफ छत्तीसगढ़ हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी सह विक्रय का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ एसईसीएल के बसंत विहार कॉलोनी के बसंत क्लब में 25 मई को दोपहर 1 बजे से होगा। यह प्रदर्शनी 1 जून तक प्रतिदिन सवेरे 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुली रहेगी।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हाथकरघा बुनकरों को विपणन हेतु उचित माध्यम उपलब्ध कराना, बुनकरों के बुनाई कला को आम नागरिक तक सीधे पहुचाना तथा उपभोक्ता के माध्यम से हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी में नित नवीन डिजाईनों के विकास हेतु सुझाव प्राप्त करना, राज्य स्तरीय हथकरघा वस्त्र उत्पादन को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराकर आम उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंचना, बुनकरों के लिए नियमित रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। छत्तीसगढ़ में हथकरघा पर वस्त्र उत्पादन का कार्य महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और कई हुनरमंद महिलाएं बुनकर सामने आ रही हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य की कोसा वस्त्र बुनाई कला राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। कोसा वस्त्र बुनाई कला में मुख्यतः रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, चन्द्रपुर, छुरी, सिवनी आदि क्षेत्र के बुनकरों को राष्ट्रपति एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त है। ऐसे पुरस्कृत बुनकरों के द्वारा कोसा एवं सूती वस्त्रों की कलात्मक डिजाईनर साड़ियों का उत्पादन कर प्रदर्शन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के लगभग 25 बुनकर सहकारी समिति एवं बुनकर प्रतिनिधि के माध्यम से आकर्षक कोसा एवं कॉटन वस्त्र जैसे उत्कृष्ट कलात्मक कोसा साडियॉ, कोसा मलमल, कोसा ड्रेस मटेरियल, कोसा सलवार सूट, कोसा बाफ्ता, सूती साडियॉ आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। यहां की हस्तशिल्प कला भी देश-विदेश में प्रख्यात है। प्रदर्शनी में हस्तशिल्प के बेलमेटल, टेराकोटा, आयरन, काष्ट कला की आकर्षक सामग्रियां आकर्षण का केंद्र होंगी। file photo
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