मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक दीर्घायु सहायता योजना से श्रमिकों को दुर्घटना एवं गंभीर बीमारियों में मिलेगा आर्थिक संबल
- पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के परिवार के सदस्यों को सहायक उपकरणों का भी मिलेगा लाभ
मोहला । श्रम विभाग के अधीन छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक दीर्घायु सहायता योजना निर्माण श्रमिकों के लिए दुर्घटना एवं गंभीर बीमारियों की स्थिति में आर्थिक संबल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। योजना का उद्देश्य पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को दुर्घटना, स्वास्थ्य उपचार एवं गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत दुर्घटना की स्थिति में चिकित्सा कराने पर वास्तविक व्यय अथवा अधिकतम 20 हजार रुपए की एकमुश्त सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
इसके साथ ही पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों के लिए स्वास्थ्य सहायक उपकरणों हेतु भी सहायता का प्रावधान किया गया है। दृष्टिबाधित श्रमिकों को चश्मा हेतु 1 हजार रुपए, कृत्रिम दंत हेतु 5 हजार रुपये तथा श्रवण बाधित यंत्र हेतु 6 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यदि कोई श्रमिक 15 दिवस से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहता है, तो उस अवधि में घोषित न्यूनतम वेतन के मान से 15 दिवस के बराबर वेतन की प्रतिपूर्ति मंडल द्वारा की जाएगी। योजना के अंतर्गत मंडल में निरंतर तीन वर्ष तक पंजीकृत श्रमिक यदि हृदय शल्य क्रिया, गुर्दा या लीवर प्रत्यारोपण, मस्तिष्क अथवा रीढ़ की हड्डी की शल्य क्रिया, घुटना प्रत्यारोपण, कैंसर उपचार या लकवा जैसी गंभीर बीमारियों से पीडि़त होते हैं, तो उनके बेहतर इलाज, दवा एवं चिकित्सा हेतु वास्तविक व्यय अथवा अधिकतम 20 हजार रुपए की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाएगी। यह सहायता राशि प्रदेश में संचालित आयुष्मान भारत योजना एवं खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अतिरिक्त होगी।
- पात्रता एवं आवेदन प्रक्रिया
योजना के लिए 18 से 60 वर्ष आयु वर्ग के पंजीकृत निर्माण श्रमिक पात्र होंगे। श्रमिक स्वयं ऑनलाइन माध्यम से विभागीय वेब पोर्टल, श्रमेव जयते मोबाइल ऐप, किसी भी चॉइस सेंटर, संबंधित श्रम कार्यालय अथवा मुख्यमंत्री श्रम संसाधन केंद्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ श्रमिक पंजीयन परिचय पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, अस्पताल द्वारा जारी उपचार संबंधी प्रमाण पत्र तथा दुर्घटना की स्थिति में एफआईआर रिपोर्ट की स्कैन प्रति संलग्न करना अनिवार्य होगा। आवेदन की जांच उपरांत पात्रता अनुसार सहायता राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से हितग्राही के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी।











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