सुशासन सप्ताह के तहत जिले में 718 से अधिक प्रधानमंत्री आवासों में एक साथ गृह प्रवेश
मोहला । सुशासन सप्ताह के अवसर पर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत 1 नवंबर के बाद पूर्ण हुए 718 से अधिक आवासों में एक साथ गृह प्रवेश कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस सामूहिक गृह प्रवेश से ग्रामीण अंचलों में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला।
लाभार्थियों ने अपने नव-निर्मित आवासों को दीपों से सजाया, आंगन में रंगोलियां बनाई तथा पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ विधिवत गृह प्रवेश किया। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति से लाभार्थियों का उत्साह और अधिक बढ़ा। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों ने हितग्राहियों को नए आवास में सुख-समृद्धि और खुशहाल जीवन की शुभकामनाएं दीं।
राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत स्वीकृत आवासों का निर्माण समय-सीमा में पूर्ण कराने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती भारती चंद्राकर द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
- प्रत्येक माह 7 तारीख को आवास दिवस का आयोजन अनिवार्य
जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रत्येक माह की 7 तारीख को आवास दिवस का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। यह आयोजन चावल महोत्सव एवं महात्मा गांधी नरेगा के रोजगार दिवस के साथ संयुक्त रूप से आयोजित होगा, जिससे अधिकतम ग्रामीण सहभागिता सुनिश्चित की जा सके।
आवास दिवस के दौरान ग्राम पंचायत स्तर पर हितग्राहियों की सूची का सार्वजनिक वाच दिवस अथवा निर्धारित समय से पूर्व आवास पूर्ण करने वाले हितग्राहियों का सम्मान, लंबित किश्तों का त्वरित हस्तांतरण, मनरेगा मजदूरी भुगतान की समीक्षा, आवास निर्माण में आ रही समस्याओं का तत्काल निराकरण निर्माण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही पंचायत पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को योजना के प्रावधानों की जानकारी लाभार्थियों तक पहुंचाने तथा विभिन्न विभागों के साथ अभिसरण कन्वर्जेंस की संभावनाओं पर चर्चा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आवास निर्माण की गति और तेज हो सके।
- टोल-फ्री नंबर के प्रचार पर विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत टोल-फ्री नंबर 1800-233-1290 के व्यापक प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया गया है, जिससे लाभार्थियों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सके। यह पहल जिले में आवास निर्माण को जन-आंदोलन का स्वरूप दे रही है। मासिक बैठकों के माध्यम से लाभार्थियों को स्थानीय निर्माण सामग्री के उपयोग, प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों की सेवाएं लेने 20 से 25 वर्ग मीटर के मानक डिजाइन तथा गुणवत्तापूर्ण निर्माण प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है। इसका उद्देश्य ग्रामीणों को अपने आवास निर्माण में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है।











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