अंतर्मुखी और संकोची स्वभाव की महिलाएं बनीं निर्भीक
- शासन की योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में ला रही सामाजिक बदलाव एवं जागरूकता
राजनांदगांव। धुन की पक्की, ऊर्जावान, उत्साही महिलाओं के चेहरे से उनके स्वावलंबी होने की खुशी बयां हो रही है। शासन की योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक बदलाव एवं जागरूकता ला रही है। महिलाओं को हौसला एवं संबल मिला, शासन की सुराजी गांव योजना एवं गोधन न्याय योजना से। राजनांदगांव जिले के ग्राम सांकरा के गोठान की महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा और वे पहले से निर्भीक और निडर बनी। यह उन अंतर्मुखी एवं संकोची स्वभाव के महिलाओं की कहानी है। जिन्होंने अपने जीवन को बदलने के लिए पुरजोर कोशिश की है। घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर कार्य करना चुनौतीपूर्ण जरूर रहा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। एकता, आपसी मेलजोल एवं सहभागिता से समूह की महिलाएं सशक्त हुई।
समूह की अध्यक्ष श्रीमती पूर्णिमा ने बताया कि ज्योति महिला स्वसहायता समूह द्वारा वर्मी कंपोस्ट निर्माण का कार्य गोठान में किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 743767 किलो गोबर की खरीदी की गई है और 279910 किलो वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया गया है। समूह को वर्मी कंपोस्ट बिक्री से 8 लाख 85 हजार 920 रूपए की लाभांश राशि मिली है। केचुआ संवर्धन से एक लाख 44 हजार, सब्जी-भाजी से 11 हजार तथा रागी के लड्डू बनाकर 10 हजार रूपये की आमदनी हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बहुत धन्यवाद दिया। पुरसो बाई निषाद ने बताया कि पहले वे बेरोजगार थी। गौठान में कार्य कर आर्थिक रूप से मजबूत बनी। वर्मी कंपोस्ट से प्राप्त राशि से उन्होंने अपने घर के लिए फ्रिज खरीद लिया। दीपिका निर्मलकर ने बताया कि यहां वर्मी कंपोस्ट से प्राप्त राशि से वे अपने बच्चों को अच्छा शिक्षा दिला रही हैं। समूह की महिलाओं ने बताया कि उन्होंने प्राप्त राशि से गहने भी खरीदे हैं। समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री को तहेदिल से शुक्रिया कहा।
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