सत्यजीत राय ने जब वहीदा रहमान को अपनी फिल्म ऑफर की तो उनका जवाब ये था....
बंगाल मूल के फिल्मकार सत्यजीत राय विश्व के महान फिल्मकारों में निर्विवाद रूप से गिने जाते हैं। उन्होंने जिंदगी में अधिकतर बंगाली भाषा में ही फिल्में बनाईं, लेकिन प्रतिष्ठा के मामले में उनकी फिल्में हिंदी भाषा की कमर्शियल बॉलीवुड फिल्मों से बहुत ऊपर रखी जाती थीं। जानते हैं वो किस्सा बॉलीवुड की सुपरस्टार एक्ट्रेस वहीदा रहमान को जब बंगाल के इस डायरेक्टर ने अपनी छोटी सी फिल्म करने के लिए विनम्र होकर फोन किया, तो वहीदा का क्या जवाब था?
दरअसल, 1962 में रिलीज हुई सत्यजीत राय की फि़ल्म अभिजान में वहीदा रहमान ने गुलाबी का रोल किया था। ये फि़ल्म वहीदा ने तब चुनी जब वो प्यासा (1957), कागज़ के फूल (1959)और चौदहवीं का चांद (1960) जैसी फि़ल्मों से बहुत बड़ी स्टार बन चुकी थीं। इसमें उनकी कास्टिंग यूं हुई, कि सत्यजीत राय ने किसी के ज़रिए वहीदा के घर पत्र भिजवाया जिसमें लिखा था, "मेरे लीडिंग मैन सौमित्र चैटर्जी और मेरी यूनिट का मानना है कि मेरी अगली फि़ल्म की हीरोइन गुलाबी के रोल में आप सबसे उपयुक्त हैं। अगर आप ये रोल करने को हां कहती हैं तो मुझे बड़ी खुशी होगी।"
पत्र पाकर वहीदा बहुत खुश हुईं कि सत्यजीत राय जैसे फि़ल्मकार ने उन्हें इस रोल में सोचा। कुछ दिन बाद वहीदा ने सत्यजीत राय को फोन किया जो सामने से बोले, "वहीदा, आप हिंदी फि़ल्मों में बहुत सारा पैसा कमाती हो। मैं छोटे बजट वाली छोटी फि़ल्में बनाता हूं।" इस पर वहीदा ने जवाब दिया, "साहब, मुझे क्यों लज्जित कर रहे हैं? मेरे लिए ये गर्व की बात है। आपने अपने साथ काम करने की बात करके मुझे इतना सम्मान दिया है। पैसे की कोई समस्या नहीं है। आप आगे से इसका जिक्र नहीं करना।"
इस तरह से वहीदा ने सत्यजीत राय के हिसाब से ही यह फिल्म की। इस फिल्म में मशहूर किशोर कुमार की पहली पत्नी रुमागुहा ठाकुरदा और सौमित्र चटर्जी जैसे कलाकारों ने भी अभिनय किया था। फिल्म की कहानी ताराशंकर बंध्योपाध्याय ने लिखी थी।
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