प्रेरणा गीत
प्रेरणा गीत
-लेखिका-डॉ. दीक्षा चौबे, दुर्ग ( वरिष्ठ साहित्यकार और शिक्षाविद)
-लेखिका-डॉ. दीक्षा चौबे, दुर्ग ( वरिष्ठ साहित्यकार और शिक्षाविद)
भटक नहीं जाना राहों में , सच्चाई का भान रहे ।
लक्ष्य सदा रखना नजरों में , और कहीं मत ध्यान रहे ।।
कंटकीर्ण मुश्किल राहों में , कदम सँभाले चलना है ।
छँट जाएँगे स्याह अँधेरे, दीप ज्योति-सम जलना है ।
राह सही चुन पाओगे यदि ,भले-बुरे का ज्ञान रहे ।।
लक्ष्य सदा रखना नजरों में ,और कहीं मत ध्यान रहे ।।
एकलव्य-सम करो साधना ,सूक्ष्म दृष्टि अर्जुन जैसी ।
अपनी कमियों को अपनाकर ,कर लें दूर झिझक कैसी ।
पंख हौसलों के लग जाएँ , ऊँची सदा उड़ान रहे ।।
लक्ष्य सदा रखना नजरों में , और कहीं मत ध्यान रहे ।।
खुली आँख से देखो सपने , निज जीवन में रंग भरो ।
मन में नई उमंगें भरकर , स्वप्न सभी साकार करो ।
आत्म-परीक्षण करते रहना , क्षमता का संज्ञान रहे ।।
लक्ष्य सदा रखना नजरों में , और कहीं मत ध्यान रहे ।।
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