तरिहरी ना ना मोर ना नाहरी नाना रे सुआ न.......
सुआ गीत-डॉ. दीक्षा चौबे
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तरिहरी ना ना मोर ना नाहरी नाना रे सुआ न
तरिहरी ना नाहरी ना… रे सुआ ना ।
धेनु के चरइया बंसी के बजइया , बन मा नाचय ग्वाल- बाल
रे सुआ ना , बन मा नाचय ग्वाल बाल ।
सुध बुध भुलावय , गोपियन ल बुलावय
नाचय राधे गोपाल , मगन भय नाचय राधे गोपाल ।
तरिहरि ना ना मोर ना नाहरी नाना रे सुआ न
तरिहरि ना नाहरी ना.. रे सुआ
राजा दशरथ के चारे झन बेटा ओ , कोसल राम के हे ननिहाल
रे सुआ ना रामें के हे ननिहाल ।
मिथिला कुमारी हे जनक दुलारी , रे जनक दुलारी
रे सुआ न सीता आईस ससुराल ।
तरिहरि ना ना मोर ना नाहरी ना ना रे सुआ ना
तरिहरि ना नाहरी न..रे सुआ
मानुष जनम लेके आईन भुइयाँ मा ,धुर्रा म लोटिन बाल
रे सुआ ना धुर्रा म लोटिन बाल ।
लीला देखाइन अउ रद्दा बनाईन , दुनिया ल कर दिन निहाल
रे सुआ न दुनिया ल कर दिन निहाल ।
तरिहरी ना ना नाहरी ना ना रे सुआ ना
तरिहरि ना नाहरि ना… रे सुआ
डॉ. दीक्षा चौबे
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