विघ्न-विनाशक घर आये हैं...
- लेखिका-डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग ( वरिष्ठ साहित्यकार और शिक्षाविद)
विघ्न- विनाशक घर आये हैं , सुंदर दीप जलाओ ।
दुनिया के पालक आये हैं , मंगल गान सुनाओ ।।
सब देवों में प्रथम पूज्य हैं ,चार भुजा के धारी ।
एकदन्त गजबदन विनायक , मूषक करे सवारी ।
आओ उनके पाँव पखारें , पूजन थाल सजाओ ।।
विघ्न विनाशक घर आये हैं , सुंदर दीप जलाओ ।।
मन की बातें सुन लेते हैं , सूप जैसे कान से ।
लम्बोदर पीताम्बर धारी , पूजन करें ध्यान से ।
पीड़ा सुन दौड़े आते हैं , जब भी उन्हें बुलाओ ।।
विघ्न विनाशक घर आये हैं , सुंदर दीप जलाओ ।।
भोले भाले बाल गणेशा , ठुमक- ठुमक घर आए ।
उनके शुभ कदमों के पीछे , खुशियाँ घर में छाए ।
मनमोहक अति सुंदर छवि , मन में सदा बसाओ ।।
विघ्न विनाशक घर आये हैं , सुंदर दीप जलाओ ।।
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