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प्राण ने रोमांटिक हीरो के रूप में कॅरिअर शुरू किया- नूरजहां के भी हीरो बने
 पुण्यतिथि पर विशेष-   आलेख- मंजूषा शर्मा
फिल्म अभिनेता प्राण, जन्म 12 फरवरी, 1920, निधन- 12 जुलाई 2013, उपलब्धियां- अनगिनत। एक अच्छे इंसान, एक अच्छे अभिनेता और एक शानदार शख्सियत।  ज्यादातर लोग उन्हें एक खलनायक और चरित्र अभिनेता के रूप में ही जानते हैं। आज उनके जन्मदिन पर हम उनकी जिदंगी के कुछ अनछुए पहलुओं का जिक्र कर रहे हैं। 
प्राण साहब ने खलनायकी शुरू करने से पहले कुछ फिल्मों में बतौर हीरो काम भी किया। उस दौरान उनके ऊपर कई गाने भी फिल्माए गए। लेकिन वो गाने इतने लोकप्रिय नहीं हुए, कि लोग उन्हें याद रख सकें। लेकिन कई फिल्मों में खलनायक, सहायक कलाकार  होने के बाद भी उन पर कई गाने फिल्माए गए हैं, जो यादगार हैं। आज उन्हीं गानों की चर्चा....
प्राण साहब पर फिल्माए गए कुछ गाने मुझे जो याद आ रहे हैं, उनमें  फिल्म उपकार का गाना - कश्मे वादे प्यार वफा, जंजीर- यारी है ईमान मेरा, यार मेरी जिंदगी, आके सीधी लगी दिल पे जैसे कटरिया... (फिल्म हाफ टिकट) इत्यादि।  जहां तक मुझे याद है प्राण साहब पर कम से कम 25 गाने तो फिल्माए ही गए हैं। आज सिलसिलेवार उनकी ही चर्चा...
नूरजहां के हीरो बने
वर्ष 1942 में प्राण साहब ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा तो वे हीरो बनकर आए। उन्होंने उस वक्त सोचा भी नहीं था कि वे एक दिन हीरो नहीं, बल्कि खलनायक के रूप में इतने मशहूर होंगे कि लोग अपने बच्चों का नाम भी उनके नाम पर रखना पसंद नहीं करेंगे।  फिल्म 1942 में प्राण खानदान फिल्म में नूरजहां के साथ हीरो बनकर आए थे। इस फिल्म में प्राण रोमांटिक हीरो थे। हालांकि उस वक्त हीरो अपने लिए प्लेबैंक सिगिंग खुद किया करते थे, लेकिन प्राण साहब का संगीत की दुनिया से कोई वास्ता नहीं था। लिहाजा उन्होंने गाने से इंकार कर दिया और भविष्य में कभी कोशिश भी नहीं की।  इस फिल्म में उनके लिए जिस गायक ने गाना गाए , उसका नाम भी उपलब्ध नहीं है। मेरा अनुमान है कि यह आवाज गुलाम हैदर की है। फिल्म में प्राण के किरदार का नाम भी प्राण ही रखा गया था। इस फिल्म में नूरजहां और प्राण पर एक रोमांटिक गाना था.... गाने के बोल  उड़ जा पंछी....जिसे नूरजहां और संगीतकार गुलाम हैदर ने गाया था। फिल्म में प्राण को शहजादा जहांगीर के रूप में देखकर लगता ही नहीं, कि ये प्राण हैं। इसी गाने के बोल हैं - उड़ जा पंछी,  इंसान को इंसान से आजाद कराएं , उड़ जा पंछी, जो प्राण साहब की जिंदगी के साथ आज सटीक उतरता नजर आ  रहा है। 
शारदा के साथ रोमांटिक फिल्म की
फिल्म गृहस्थी में जो 1948 में रिलीज हुई थी, में भी प्राण पर एक गाना फिल्माया गया था जिसके बोल थे- तेरे नाज उठाने को जी चाहता है। यह गाना प्राण और शारदा पर फिल्माया गया था। फिल्म में प्राण साहब के लिए मुकेश ने गाने गाए थे।  वहीं देवआनंद साहब की फिल्म मुनीम जी तक आते प्राण साहब को निगेटिव शेड्स में मजा आने लगा था। 1955 में यह फिल्म रिलीज हुई थी।  फिल्म में देवआनंद और नलिनी जयवंत मुख्य भूमिकाओं में थे और प्राण खलनायक बने थे। फिल्म का एक गाना -दिल की उमंगे हैं जवान...में देवआनंद, नलिनी और प्राण पर फिल्माया गया था। जिसे हेमंत कुमार और गीता दत्त ने गाया था। फिल्म में यह गाना देवआनंद , प्राण और नलिनी जयवंत पर  फिल्माया गया था, लेकिन यह पहला गाना था, जिसमें प्राण ने काफी बेसुरे तरीके से गाया था और यह आवाज किसकी है, इसका उल्लेख कहीं नहीं मिलता, यहां तक कि इसके कैसेट या रिकॉड्र्स में भी नहीं।
है आग हमारे सीने में 
राजकपूर ने जब फिल्म जिस देश में गंगा बहती है, बनाई तो उन्होंने प्राण साहब को इसमें महत्वपूर्ण रोल दिया। इस फिल्म में एक गाना- है आग हमारे सीने में ... तुम भी हो हम भी हैं दोनों हैं आमने -सामने,, में राजकपूर और पद्मिनी के साथ प्राण भी नजर आते हैं। इस गाने में प्राण के लिए मन्ना डे साहब ने अपनी आवाज दी थी। यह फिल्म 1961 में रिलीज हुई थी। 
प्राण का डांस करने का खास अंदाज
प्राण पर फिल्माए गए मजेदार गानों में फिल्म हाफ टिकट का एक मशहूर गाना है - आके सीधी लगी दिल पे तेरी कटरिया...शामिल है।  फिल्म में यह गाना किशोर कुमार ने डबल आवाज में गाया है, यानी प्राण के लिए किशोर कुमार ने गाया और लड़की की आवाज में किशोर कुमार ने खुद ही आवाज बदली। फिल्म में प्राण का डांस का अंदाज आज भी लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट ला देता है।  वहीं 1963 आई फिल्म दिल ही तो है, में राजकपूर और नूतन पर एक गाने का फिल्मांकन हुआ है- तुम किसी और को चाहोगी तो मुश्किल होगी... में प्राण केवल यही कहते नजर आते हैं... मुश्किल होगी, मुश्किल होगी, क्या मुश्किल होगी?
 
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कश्मे वादे प्यार वफा, सब बातें हैं बातों का क्या...
प्राण साहब के यादगार गानों में 1967 में आई मनोज कुमार की फिल्म उपकार का नाम सबसे ऊपर रखा जा सकता है। इस फिल्म में प्राण ने मलंग चाचा का किरदार निभाया था। प्राण ने इस फिल्म की शूटिंग के लिए बड़ी मेहनत की। फिल्म की पूरी शूटिंग के दौरान उनका दायां पैर घुटने से बंधा रहता था। इसी फिल्म में एक अर्थपूर्ण गाना प्राण पर फिल्माया गया था जिसके बोल हैं- कश्मे वादे प्यार वफा, सब बातें हैं बातों का क्या...। इस फिल्म के बाद तो जैसे प्राण , मनोज कुमार की फिल्मों का एक अभिन्न हिस्सा ही बन गए। प्राण का कॅरिअर ग्राफ बीच में काफी नीचे पहुंच गया था, क्योंकि उस वक्त तक कई खलनायक उभर कर सामने आ रहे थे। ऐसे में मनोज कुमार ने उपकार में मलंग चाचा के रोल में प्राण को लेकर जैसे उनके कॅरिअर में फिर से जान डाल दी। फिल्म बेईमान (1972) में प्राण और मनोज कुमार पर एक गाना पिक्चाइज हुआ था- हम दो मस्त मलंग। 
वहीं 1969 में फिल्म नन्हा फरिश्ता में एक गाना था बच्चे में हैं भगवान.. इस गाने को तीन लोगों ने गाया था मोहम्मद रफी, मन्ना डे और महेन्द्र कपूर। यह गाना प्राण, अनवर हुसैन और अजीत  पर फिल्माया गया था। इसके अलावा  फिल्म विक्टोरिया नंबर 203, प्राण साहब के काफी करीब थी, क्योंकि उन्होंने इसमें काफी हटकर किरदार निभाया था।  इस फिल्म में वे अशोक कुमार के साथ गाना गाते नजर आते हैं- दो बेचारे बिना सहारे फिरते हैं मारे - मारे।  इस गाने में गायक महेन्द्र कपूर ने प्राण के लिए प्लैबैक सिंगिग की थी।  
जंजीर फिल्म से चरित्र भूमिकाएं शुरू की
वर्ष 1973 में आई फिल्म जंजीर फिल्म ने अमिताभ बच्चन को एक एंग्री यंग मैन का दर्जा दे दिया तो उनके शेरखान दोस्त यानी प्राण के कॅरिअर में  चरित्र भूमिकाओं का एक नया दौर शुरू हुआ। इस फिल्म के एक गाने यारी है ईमान मेरा, का फिल्मांकन जब हो रहा था,  प्राण की पीठ में जबर्दस्त दर्द था। बावजूद इसके उन्होंने इस गाने पर शानदार डांस किया, जबकि डांस के मामले में वे हमेशा कच्चे समझे जाते थे।  इस फिल्म के बाद तो जैसे प्र्राण और अमिताभ की जोड़ी  हिट हो गई।  दोनों ने साथ में 14 फिल्में कीं। जिस फिल्म  जंजीर  ने अमिताभ की किस्मत बदली, वह उन्हें प्राण की सिफारिश से ही मिली थी।  फिल्म शराबी में प्राण, अमिताभ के पिता के रोल में थे। अमिताभ के साथ ही उन्होंने 1974 में कसौटी  फिल्म की जिसका एक गाना प्राण गाते हैं, काफी रोचक तरीके से फिल्माया गया है- हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है....। फिल्म में प्राण नेपाली की भूमिका में थे और उनके संवाद बोलने का नेपाली अंदाज काफी लोकप्रिय हुआ था। 
वहीं अमिताभ की ही फिल्म मजबूर में प्राण ने हेलेन के साथ -फिर न कहना माइकल दारू पीके दंगा करता है.. में जमकर ठुमके लगाए। 
राज की बात कह दूं तो 
प्राण साहब पर एक कव्वाली भी फिल्माई गई है जो काफी मशहूर हुई थी। यह कव्वाली फिल्म धर्मा  की है जिसके बोल हैं- राज की बात कह दूं तो जाने महफिल में क्या ...इस गाने में प्राण साहब  बिन्दू के साथ तकरार करते नजर आते हैं। इस गाने को रफी साहब और आशा भोंसले ने गाया था। फिल्म में नवीन निश्चल और रेखा मुख्य भूमिकाओं में थे। 
ऐसे ही कई और गाने हैं, जिसका हिस्सा प्राण साहब रहे थे। आज  जब भी ये गाने बजते हैं, लोगों को प्राण साहब का चेहरा जरूर याद आता है। (छत्तीसगढ़आजडॉटकॉम विशेष)
 
 
 
 

 

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