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प्रसिद्ध होने के बावजूद जमीन से जुड़े थे गायक मुकेश: नितिन मुकेश
मुंबई हजारों सदाबहार नगमों को अपनी आवाज से अमर करने वाले महान गायक मुकेश ने लोकप्रियता की बुलंदियों को छुआ लेकिन इसके बावजूद उनमें अहंकार रंचमात्र भी नहीं था और हमेशा जमीन से जुड़े रहे । फिल्मी गीत ‘‘किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार'' महान गायक मुकेश के व्यक्तित्व को सही मायने में परिभाषित करता है। यह बात उनके बेटे नितिन मुकेश ने अपने पिता को उनकी 100वीं जयंती पर याद करते हुए कही। गायक का जन्म दिल्ली में बाइस जुलाई, 1923 को हुआ था और उनका पूरा नाम मुकेश चंद माथुर था। मुकेश उन तीन प्रसिद्ध गायकों में थे जिन्होंने हिंदी सिनेमा के गीतों को दशकों तक अपनी आवाज दी। इनमें मुकेश के अलावा दो अन्य गायकों में मोहम्मद रफ़ी और किशोर कुमार शामिल थे। मुकेश के बेटे नितिन मुकेश ने कहा कि ‘मेरा जूता है जापानी', ‘जीना यहां मरना यहां', ‘कभी कभी मेरे दिल में' और ‘कई बार यू भी देखा है' जैसे सदाबहार गीतों के लिए जाने जाने वाले मुकेश "जमीन से जुड़े" थे और वह कभी नहीं बदले। नितिन मुकेश ने  बताया, ‘‘एक चीज जो मेरी स्मृति में सबसे प्रमुखता से छायी हुई है, वह है इतने प्रसिद्ध व्यक्ति होने के बावजूद उनकी विनम्रता और जमीन से जुड़ा स्वभाव। वह कोई अभिनय नहीं था, वह स्वाभाविक रूप से उनमें था।'' नितिन मुकेश ने कहा कि वह एक साधारण व्यक्ति थे और यह बात उनके जन्मदिन समारोहों में भी झलकती है जो हमेशा एक निजी मामला होता था। गायक ने कहा, ‘‘उनका जन्मदिन एक बहुत ही निजी मामला होता था... और हमेशा की तरह हम जरूरतमंदों को भोजन वितरित करते थे। इससे हमें बहुत अच्छा महसूस होता था।'' मुकेश के परिवार ने यहां 'मुकेश चौक' चौराहे पर मुकेश के प्रशंसकों के साथ उनका 100वां जन्मदिन मनाया। इस चौराहे का नाम मुकेश की स्मृति में रखा गया है। इस कार्यक्रम में नितिन मुकेश, उनकी पत्नी निशी मुकेश, उनके बेटे नील नितिन मुकेश और नमन नितिन मुकेश, साथ ही बहू रुक्मिणी सहाय और पोती नुर्वी नील मुकेश भी शामिल हुईं। नितिन मुकेश ने कहा कि एकमात्र भव्य जन्मदिन समारोह जो उन्हें याद है वह 1976 में मनाया गया था, जिसके एक महीने बाद 53 वर्ष की आयु में मुकेश का अमेरिका के मिशिगन में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। नितिन मुकेश ने कहा, ‘‘मेरे पिता को परिवार के साथ जश्न मनाना पसंद था। लेकिन, उस समय, हम सभी बड़े हो गए थे और उन्हें (व्यापक पैमाने पर) जश्न मनाने के लिए मना लिया। चार दिन बाद, हमें अमेरिका के लिए निकलना था और वह (मुकेश) वहां से कभी नहीं लौटे... इसलिए, वह जन्मदिन एक बहुत ही विशेष स्मृति के रूप में अंकित है।'' उस जश्न में मुकेश के करीबी मित्र राजकपूर और उनकी पत्नी कृष्णा राज कपूर सहित हिंदी सिनेमा के जानेमाने लोग शामिल हुए थे। मुकेश और राज कपूर लगातार सहयोगी रहे और हिंदी सिनेमा में सबसे सफल गायक-अभिनेता जोड़ी में से एक बनकर उभरे। मुकेश के आकस्मिक निधन के बाद, राजकपूर ने कहा था कि गायक की मृत्यु से उन्होंने अपनी "आत्मा" खो दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मशहूर गायक मुकेश को उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनकी मधुर आवाज तथा चित्ताकर्षक गाने विभिन्न पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करते रहेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मधुर आवाज के जादूगर को उनकी 100 वीं जयंती पर मैं स्मरण करता हूं। उनके सदाबहार गानों में विभिन्न भाव समाहित हैं और उन्होंने भारतीय संगीत पर अमिट छाप छोड़ी। उनकी मधुर आवाज तथा चित्ताकर्षक गाने विभिन्न पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करते रहेंगे।'' नील नितिन मुकेश ने प्रधानमंत्री को उनकी पोस्ट के लिए धन्यवाद दिया।

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