सिंघाड़ा या कुट्टू का आटा... क्या है ज्यादा फायदेमंद?
नवरात्र शुरू हो गए हैं। कई लोग व्रत के दौरान लोग गेहूं के आटे के बजाय अन्य तरह के आटे को खाते हैं, जिसे सात्विक और व्रत में खाए जाने योग्य समझा जाता है। ऐसे ही दो किस्म के आटे हैं, कुट्टू का आटा और सिंघाड़े का आटा। दोनों ही किस्म के आटों का अपन-अपना महत्व है। जहां एक ओर कुट्टू का आटा खाने की वजह से पाचन शक्ति बेहतर होती है, बाल और त्वचा पर इसका अच्छा असर पड़ता है और भी कई तरह के फायदे मिलते हैं। वहीं, सिंघाड़े के आटा विटामिन के का अच्छा स्रोत है
कुट्टू के आटे में मौजूद पोषक तत्व
कुट्टू के आटे में डाइट्री फाइबर होता है। जब आप कुट्टू का आटा खाते हैं, तो लंबे समय तक पेट भरे रहने का अहसास होता है। इसका मतलब है कि कुट्टू का आटा खाने के बाद अप ओवर ईटिंग से बच जाते हैं यानी एस्क्ट्रा मंचिंग नहीं करते हैं। इसी तरह, इसमें सिंघाड़े की आटे की तुलना में प्रोटीन भी काफी मात्रा में होता है और इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है। हालांकि, सिंघाड़े के आटे की तुलना में इसमें कैलोरी काउंट थोड़ा ज्यादा होता है। यह नहीं, अगर कोई ग्लूटन इंटोलरेंस है, तो उन्हें कुट्टू के आटे का सेवन नहीं करना चाहिए।
सिंघाड़े के आटे में मौजूद पोषक तत्व
सिंघाड़े का आटा कोई भी आसानी से खा सकता है, क्योंकि इसे पचाना काफी आसान होता है। आमतौर पर, इसे खाने के बाद पेट से जुड़ी बीमारियां नहीं होती हैं। इसके अलावा, कुट्टू के आटे के मुकाबले कैलोरी काउंट भी इसमें कम पाया जाता है। वहीं, इसके साइड इफेक्ट की बात करें, तो सिंघाड़े के आटे में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा कुट्टू के आटे की तुलना में कम होती है और ब्लड शुगर के स्तर को अचानक से बढ़ाने में अपने योगदान दे सकता है।
वजन कम करने के लिए क्या है बेहतर?
कुट्टू का आटा हो या सिंघाड़े का आटा। दोनों की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं। इसके बावजदू, दोनों में किसी एक को बेहतर नहीं कहा जा सकता है। इसकी वजह है, हर व्यक्ति का स्वास्थ्य अलग होता है। किसी को कुट्टू का आटा सूट कर सकता है, तो किसी को सिंघाड़े का आटा। इसके अलावा, यह आपकी बॉडी प्रेफरेंस पर भी निर्भर करता है। कुछ लोग प्रोटी पर ज्यादा फोस करते हैं, इसके लिए कुट्टू का आटा बेहतर विकल्प है। वहीं, अगर आप कैलोरी सेवन को कम रखना चाहते हैं और आसानी से पचने वाला कुछ खाना चाहते हैं, तो सिंघाड़े के आटा एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आप अपनी हेल्थ के अनुसार, इनमें से किसी भी एक आटे को चुन सकते हैं। अगर एलर्जी या कोई और हेल्थ कंडीशन है, तो एक बार एक्सपर्ट से बात कर लेना सही है।
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