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राजस्थानी व्यंजनों का जायका लेंगे जी-20 के प्रतिनिधि

उदयपुर. दाल बाटी चूरमा और जोधपुरी काबुली पुलाव के साथ स्वादिष्ट भोजन के बाद मिठाई के रूप में बीकानेरी घेवर और जोधपुरी मावा कचौरी। उदयपुर में जी-20 देशों की शेरपा बैठक में आने वाले प्रतिनिधि राजस्थान के ऐसे लजीज व्यंजनों का रसास्वादन कर सकेंगे। भारत की जी-20 की अध्यक्षता में यह पहली शेरपा बैठक होगी। इसके लिए जी 20 सदस्य देशों के प्रतिनिधि रविवार को पहुंचेंगे और बैठकें सोमवार और मंगलवार को होंगी। बुधवार को वे विश्व धरोहर स्थल कुम्भलगढ़ किला राजसमंद और लोकप्रिय रणकपुर जैन मंदिर पाली के दर्शन करेंगे। उदयपुर की पर्यटन उप निदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि चार दिनों के दौरान प्रतिनिधियों को राजस्थानी के अलावा दक्षिण भारतीय व्यंजन, हैदराबादी, गुजराती और पंजाबी व्यंजन परोसे जाएंगे। सक्सेना ने कहा, ‘‘राजस्थानी व्यंजनों पर विशेष जोर के साथ सभी तरह के भारतीय भोजन मेनू के मुख्य आकर्षण में होंगे। सभी प्रकार के भोजन और पेय इसमें शामिल हैं।'' राजस्थानी व्यंजनों की बात की जाए तो विभिन्न स्वाद वाला प्रसिद्ध दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर सांगरी और राजस्थानी गट्टा पुलाव मेहमानों को परोसा जाएगा। भारतीय मिठाइयों में बीकानेरी घेवर, जोधपुरी मावा कचौरी, तीन प्रकार के श्रीखंड, केसर की खीर, मलाई घेवर, रसगुल्ला तथा मक्खन बड़ा प्रमुख आकर्षण होंगे। साथ ही मोतीचूर, बेसन और मेवे के लड्डू भी होंगे। आयोजन स्थल पर पारंपरिक राजस्थानी फूड स्टेशन, हैदराबादी फूड कॉर्नर, पकौड़ा स्टेशन, पाव स्टेशन एवं स्ट्रीट फूड स्टेशन होंगे। उल्लेखनीय है कि भारत को एक दिसंबर से एक साल के लिए जी-20 की अध्यक्षता मिल रही है। शेरपा बैठक के लिए प्रतिनिधि चार दिसंबर को आएंगे और एक निजी होटल में एक भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा। पांच दिसंबर को होटल ताज फतेह प्रकाश पैलेस के दरबार हॉल में चर्चा शुरू होगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तकनीकी परिवर्तन, हरित विकास पर सत्र होंगे। शाम को प्रतिनिधियों को सिटी पैलेस और जगमंदिर ले जाया जाएगा जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रिभोज होगा। छह दिसंबर को 'त्वरित, समावेशी और लचीला विकास', 'बहुपक्षवाद', 'खाद्य, ईंधन और उर्वरक', 'महिला नेतृत्व विकास' पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। प्रतिनिधि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के शिल्प ग्राम का दौरा करेंगे और रात में सिटी पैलेस परिसर में माणक चौक पर सांस्कृतिक प्रदर्शन का आनंद लेंगे। वहीं बैठक के अंतिम दिन सात दिसंबर को वे राजसमंद में 15वीं शताब्दी के भव्य कुंभलगढ़ किले का दौरा करने के लिए 80 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करेंगे। वहां से प्रतिनिधि 15वीं शताब्दी के एक अन्य स्मारक- पाली के रणकपुर मंदिर भी जाएंगे। यह मंदिर देश के सबसे शानदार वास्तुशिल्प स्मारकों में से एक है। जी-20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

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