2024 का लोकसभा चुनाव अब तक का सबसे महंगा, 1.35 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच सकता है खर्च : रिपोर्ट
नई दिल्ली। भारत में 2024 के लोकसभा चुनाव इतिहास के सबसे महंगे चुनाव होने की उम्मीद है, जिसकी अनुमानित लागत 1.35 लाख करोड़ रुपये हो सकती है। यह 2019 के चुनावों में खर्च किए गए 60,000 करोड़ रुपये से काफी ज़्यादा है। जाने-माने चुनाव विशेषज्ञ एन भास्कर राव ने ये आंकड़े साझा करते हुए अभियान के खर्च में बड़ी बढ़ोतरी को बताया।
सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) के प्रमुख राव ने 30 साल से भी ज़्यादा समय से चुनाव खर्च पर बारीकी से नज़र रखी है। उन्होंने बताया कि इस खर्च में चुनाव से जुड़ी सभी लागतें शामिल हैं, जैसे राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, सरकार और चुनाव आयोग द्वारा किए जाने वाले खर्च।नियमों के बावजूद, चुनावी बॉन्ड से इतर तरीकों से भी चुनाव में पैसा घुस जाता है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने पाया कि प्रमुख राजनीतिक दलों को मिलने वाले कई दान अज्ञात स्रोतों से आते हैं, जिससे फंडिंग में पारदर्शिता की कमी का पता चलता है।
चुनावों से पहले रैलियों, ट्रांसपोर्ट और कर्मचारियों को काम पर रखने जैसी चीज़ों पर बहुत सारा पैसा खर्च किया जाता है। राव ने राजनीतिक नेताओं की खरीद-फरोख्त की विवादास्पद प्रथा का भी ज़िक्र किया, जिससे खर्च बढ़ जाता है।
चुनाव खर्च का लगभग 30% मीडिया अभियानों में जाता है। पार्टियां अब डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का अधिक उपयोग कर रही हैं, अपनी दृश्यता बढ़ाने के लिए पेशेवरों को नियुक्त कर रही हैं। यह परिवर्तन टीवी और प्रिंट जैसे पारंपरिक तरीकों को कम महत्वपूर्ण बना सकता है। चुनाव प्रचार खर्च को सीमित करने के नियमों के बावजूद, पार्टियाँ अभी भी ज़्यादा खर्च करने के तरीके ढूँढ़ लेती हैं। राव ने कहा कि अमीर उम्मीदवारों के पास चुनावों में ज़्यादा ताकत होती है, जो दिखाता है कि भारतीय राजनीति में विचारों से ज़्यादा पैसे का महत्व है।
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