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उप्र चुनाव: भाजपा ने पहली सूची में एक राज्य मंत्री, चार महिलाओं समेत 20 विधायकों के टिकट काटे

योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर से लड़ेंगे चुनाव, केशव प्रसाद की सीट का भी ऐलान 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को जारी अपनी पहली सूची में एक राज्य मंत्री समेत 20 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं जिनमें चार महिला विधायक भी शामिल हैं। 
पार्टी ने पहली सूची में दस महिला उम्मीदवारों को मौका दिया है और एक नया प्रयोग करते हुए सामान्य सीट पर दलित बिरादरी के उम्मीदवार को भी उतारा है। पार्टी ने 107 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। पहली सूची में भाजपा ने चार महिला विधायकों विमला सोलंकी, उषा सिरोही, संगीता चौहान और अनीता राजपूत के टिकट काटे हैं तो वहीं दस महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। भाजपा ने जिन महिलाओं को टिकट दिये हंै उनमें कैराना से मृगांका सिंह, चरथावल से सपना कश्यप, मोदीनगर से डॉ. मंजू सिवाच, खुर्जा से मीनाक्षी सिंह, आगरा ग्रामीण से बेबी रानी मौर्य, बाह से रानी पक्षालिका, बिजनौर से शुचि मौसम चौधरी, चंदौसी से गुलाबो देवी, मिलक से राजबाला और चांदपुर से कमलेश सैनी उम्मीदवार हैं। इनमें चार महिलाएं अनुसूचित जाति वर्ग से आती हैं जबकि एक उम्मीदवार अगड़ी जाति की और बाकी पिछड़ी जाति से आती हैं। पार्टी ने सहारनपुर सामान्य सीट से अनुसूचित जाति के जगपाल सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। सहारनपुर दलित आबादी बहुल इलाका है। 
भाजपा ने जिन विधायकों के टिकट काटे हैं उनमें आगरा के फतेहपुर सीकरी के विधायक और योगी सरकार के राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह, बरेली से कई बार के विधायक राजेश अग्रवाल, मेरठ कैंट से चार बार के विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, गोरखपुर से चार बार के विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, सिकंदराबाद से दो बार की विधायक विमला सोलंकी, अलीगढ़ के बरौली से विधायक एवं पूर्व मंत्री दलवीर सिंह के नाम प्रमुख हैं। इनके अलावा उप चुनाव में अमरोहा के नौगांवा सादात से जीतीं पूर्व मंत्री एवं क्रिकेटर दिवंगत चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान तथा बुलंदशहर से भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक रह चुके दिवंगत वीरेंद्र सिरोही की पत्नी उषा सिरोही का भी पार्टी ने टिकट काट दिया है। 
इसके अलावा गढमुक्तेश्वर में विधायक कमल मलिक, सिवालखास में जितेंद्र पाल सिंह, डिबाई में अनीता राजपूत, बिथरी चैनपुर में राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल और मथुरा के गोवर्धन में कारिंदा सिंह जैसे विधायकों का भी टिकट काट दिया गया है। भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहली सूची जारी करते हुए पत्रकारों को दिल्ली में बताया, ''आज हमने 107 प्रत्याशियों की घोषणा की है। उसमें वर्तमान विधायक 83 थे। हमने उनमें से 63 को फिर से टिकट दिया है। हमने 20 सीटों पर उन मित्रों को अन्य कामों में नियोजित करना तय किया है।'' भाजपा ने जहां पहली सूची में 60 फीसदी पिछड़े और दलितों को टिकट दिया है तो वहीं सामान्य सीट पर भी दलित उम्मीदवार उतारने का एक नया प्रयोग किया है। 
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और संगठन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी रहे विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक ने   बताया, ''भाजपा अपने संगठनात्मक संरचना में भी हमेशा नये लोगों को मौका देती है और टिकट बंटवारे में भी कई लोगों को दोबारा मौका न मिलने के पीछे अलग-अलग वजह हैं। उन्होंने कहा कि कहीं विधायकों की अधिक उम्र की वजह से टिकट बदले गये हैं तो कहीं अन्य समीकरणों की वजह से दूसरों को मौका मिला है।'' उल्लेखनीय है कि राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह, सत्यप्रकाश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल आदि विधायक 75 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं। भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले में कैराना विधानसभा क्षेत्र के पलायन को मुद्दा बनाया है और लोकसभा में पलायन के मामले को सबसे पहले उठाने वाले भाजपा के सांसद रहे दिवंगत हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को कैराना से मौका दिया है। हालांकि हुकुम सिंह के निधन के बाद लोकसभा चुनाव 2019 से पहले हुए उपचुनाव में मृगांका भाजपा उम्मीदवार के रूप में पराजित हो चुकी हैं। चरथावल विधानसभा क्षेत्र में दिवंगत राज्य मंत्री विजय कश्यप की पत्नी सपना कश्यप को पार्टी ने इस बार मौका दिया है। भाजपा ने पिछली बार राष्ट्रीय लोकदल से चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल होने वाले सहेंद्र सिंह रमाला को बागपत जिले की जाट बहुल छपरौली सीट से उम्मीदवार बनाया है तो वहीं उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और जाटव (दलित) बिरादरी से आने वाली बेबी रानी मौर्य को आगरा ग्रामीण सुरक्षित सीट पर मौका दिया है। हाल में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले विधायक नरेश सैनी को सहारनपुर की बेहट सीट से मौका मिला है। वहीं पार्टी ने नजीबाबाद में पूर्व सांसद कुंवर भारतेंदु सिंह, नगीना सुरक्षित सीट से पूर्व सांसद डॉ. यशवंत और फतेहपुर सीकरी में पूर्व सांसद चौधरी बाबूलाल को उम्मीदवार घोषित किया है। राज्य सरकार के आयुष मंत्री से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने वाले धर्म सिंह सैनी की सीट नकुड़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने इस बार मुकेश चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लिए विधायक शीतला प्रसाद का टिकट कटा है। 1998 से 2017 तक गोरखपुर से पांच बार सांसद रह चुके मुख्यमंत्री योगी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने 2002 में भाजपा के उम्मीदवार और उस समय राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री शिवप्रताप शुक्ल (अब राज्यसभा सदस्य) के खिलाफ हिंदू महासभा के उम्मीदवार के रूप में डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को चुनाव मैदान उतारा था और जीत दिलाई थी। उसके बाद अग्रवाल तीन बार और चुनाव जीते थे। 2014 में फूलपुर से एक बार सांसद रह चुके उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य 2012 में पहली बार सिराथू से विधायक चुने गये थे और उनको मौका देने के लिए इस बार शीतला प्रसाद का टिकट कटा है। माना जाता है कि 2017 में प्रसाद को टिकट दिलाने में मौर्य की ही अहम भूमिका थी। उत्तर प्रदेश सरकार के जिन मंत्रियों को पहली सूची में चुनाव मैदान में उतरने का फिर मौका मिला है, उनमें सुरेश खन्ना को शाहजहांपुर, लक्ष्मी नारायण चौधरी को मथुरा की छाता, सुरेश राणा को शामली में थाना भवन, श्रीकांत शर्मा-मथुरा, कपिलदेव अग्रवाल को मुजफ्फरनगर, अतुल गर्ग-गाजियाबाद, अनिल शर्मा को बुलंदशहर में शिकारपुर, दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह को अलीगढ़ की अतरौली, जीएस धर्मेश को आगरा कैंट, गुलाबो देवी को संभल में चंदौसी, बलदेव सिंह औलख को रामपुर में बिलासपुर और महेश गुप्ता को बदायूं से मौका दिया गया है।
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