पहाड़ी पर लगभग दो दिन से बिना भोजन, पानी के फंसा हुआ है युवक
पलक्कड़ (केरल)। केरल में पलक्कड़ के मलमपुझा इलाके में एक युवक एक पहाड़ी पर चट्टानों के बीच सोमवार से फंसा हुआ है और बचावकर्मी उस तक भोजन या पानी उपलब्ध कराने के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं। यह घटना 2010 में बनी एक फिल्म की कहानी की तरह है जिसमें एक व्यक्ति पहाड़ी पर 127 घंटे तक फंसा रहा था। फिल्म की कहानी और इस घटना के बीच का अंतर यह है कि फिल्म में, फंसे हुए व्यक्ति के लिए कोई बचाव प्रयास नहीं किये गये थे क्योंकि कोई नहीं जानता था कि वह कहां था। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी मामले में हस्तक्षेप किया और युवक बाबू को बचाने के लिए सेना की मदद मांगी। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके बाद, सेना के दक्षिणी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल अरुण ने सीएमओ को सूचित किया कि एक विशेष टीम जल्द ही बेंगलुरु से रवाना होगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि पर्वतारोहण और बचाव अभियान में विशेषज्ञता रखने वाली टीम सड़क मार्ग से यात्रा करेगी। रात में हेलीकॉप्टर से यात्रा करना असंभव होगा। टीवी दृश्यों से ऐसे संकेत मिले है कि तटरक्षक बल के प्रयास विफल होने के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम उस युवक तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। बचाव दल के एक सदस्य ने एक मीडिया चैनल को बताया कि जहां दिन में गर्मी तेज और असहनीय होती है तो वही शाम और देर रात तक हवा और ठंडी हो जाती है और जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है जिससे बचाव प्रयासों में मुश्किलें आ सकती हैं। बचावकर्मी ने कहा कि युवक को बचाने के लिए एक अन्य टीम रास्ते में हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, युवक ने दो अन्य लोगों के साथ सोमवार को चेराड पहाड़ी की चोटी पर चढ़ने का फैसला किया था, लेकिन दो अन्य बीच में ही उतर गये थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि हालांकि बाबू लगातार ऊपर चढ़ता रहा और वहां पहुंचने के बाद फिसल कर गिर गया और पहाड़ के मुहाने पर चट्टानों के बीच फंस गया।
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