अगले जीवन में फिर से अपनी मां की कोख से पुनर्जन्म की कामना की: सुरंग से बचाये गये मजदूर ने कहा
कटनी (मप्र)। मध्यप्रदेश के कटनी जिले में स्लीमनाबाद के नजदीक एक निर्माणाधीन सुरंग के अचानक धंसने से इसके मलबे से सुरक्षित बचाये गये मजदूर मोतीलाल कोल ने कहा कि उसने जीवित बाहर निकलने की सभी उम्मीदें छोड़ दी थी और मलबे में नीचे फंसे एक अन्य मजदूर से कहा था कि यदि वह मर जाता है तो उसकी मां को ढाढ़स बंधवाना और उसे शांत रहने को कहना। कोल ने रविवार को कटनी जिला अस्पताल में कहा, ‘‘मैंने अपने दोस्त नंदकुमार यादव से कहा था कि वह मेरी मां को बताए कि मैं अगले जन्म में उनकी कोख से ही पैदा होऊंगा।'' कोल का अस्पताल में इलाज चल रहा है। शनिवार को सुरंग धंसने की इस घटना को याद करते हुए मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के निवासी कोल (30) ने कहा, ‘‘शाम करीब सात बजे मैं एवं मेरे साथी सुरंग के अंदर थे और सुरंग के ऊपर जमीन पर जो लोग काम कर रहे थे, वे मजदूरों को भागने के लिए कह रहे थे। इसी बीच सुरंग धंसने लगी।'' उन्होंने कहा कि यह देख मैं एवं मेरे साथी भी अपने-अपने को बचाने के लिए दीवार की तरफ भागे, ताकि उसकी आड़ में बच जायें । कोल ने बताया कि पल भर में ही इस सुरंग का एक हिस्सा धंस गया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे और यादव को लगा कि अब हम जीवित नहीं बचेंगे। इसी दौरान, ऊपर जमीन पर मौजूद लोगों ने हमसे पूछा कि क्या तुम्हें पीने के लिए पानी की जरूरत है? लेकिन मैंने पानी के लिए मना कर दिया और उनसे अनुरोध किया कि सुरंग में ऑक्सीजन भेजो।'' कोल ने कहा कि रविवार तड़के करीब चार बजे हम दोनों को एक-एक कर बचा लिया गया। सिंगरौली के रहने वाले यादव ने कहा कि जब मैं सुरंग में फंसा हुआ था, तब मुझे लग रहा था कि मैं अब बच नहीं पाऊंगा। जीवित बचे विजय कोल (35) और इंद्रमणी कोल (30) ने भी इसी तरह के अनुभव साझा किया। चारों जीवित बचे लोगों ने कहा कि उन्होंने सुरंग के अंदर फंसे होने के दौरान एक-दूसरे को ढाढ़स बंधाने की कोशिश की। इन चार लोगों के अलावा, तीन अन्य लोगों को भी अब तक सुरक्षित बचाया गया है, जबकि सुरंग में दो मजदूर सिंगरौली जिले के गोरेलाल कोल और महाराष्ट्र के नागपुर के रवि (सुपरवाइजर) अब भी फंसे हुए हैं तथा दोनों से संपर्क नहीं हो पाया है। बचाये गये मजदूरों ने कहा कि उन्होंने गोरे लाल और रवि की आवाज सुरंग के अंदर नहीं सुनी।
Leave A Comment