लोकसभा में वर्ष 2022-23 के लिए रेल मंत्रालय की अनुदान मांगें पारित, सरकार का आश्वासन--रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं
नई दिल्ली। लोकसभा ने 2022-23 के लिए रेल मंत्रालय की अनुदान मांगे पारित कर दी हैं। इस पर 13 घंटे चली लम्बी चर्चा के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे का आधुनिकीकरण तथा प्रद्यौगिकी उन्नयन किया जा रहा है और इस क्षेत्र में पूंजी निवेश में वृद्धि की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के नतीजे मिल रहे हैं। प्रतिवर्ष पूंजी निवेश बढ़ रहा है और रेल पटरियां बिछाने का काम तथा विदयुतिकरण दुगुना हो गया है। श्री वैष्णव ने यह भी बताया कि पूर्वोत्तर सम्पर्क में काफी वृद्धि हुई है। 1,110 किलोमीटर लंबा व्यापार कॉरिडोर पूरा हो चुका है। स्वदेश में बनी वंदे भारत रेलगाड़ियां शुरू की गई हैं और रेलवे स्टेशनों का आधुनिकारण किया गया है।
विपक्षी सदस्यों के प्रश्नों का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। अगले दस वर्षों की परिकल्पना का जिक्र करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि वार्षिक यात्री आवागमन को आठ सौ करोड़ से बढ़ाकर एक हजार करोड़ करने औरमाल ढुलाई को 140 करोड़ टन से बढ़ाकर 300 करोड़ टन किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान निवेश को बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में वंदे भारत रेल कोच का विनिर्माण एक बड़ी सफलता है, जो पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करती है। श्री वैष्णव ने बताया सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों और किसानों के लिए छोटे कार्गों कंटेनरों का निर्माण करने की योजना है। बजट में घोषित एक स्टेशन एक उत्पाद योजना से क्षेत्र विशिष्ठ उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।
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