जमीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाले में कई राजद नेताओं के घरों पर सी.बी.आई. के छापे, 200 से अधिक बिक्री पत्र बरामद
नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बिहार में नौकरी के बदले भूमि हस्तांतरित करने संबंधी आई.आर.सी.टी.सी. घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल के कई नेताओं के घरों पर छापे मारे। छापों के दौरान 200 से अधिक बिक्री पत्र बरामद किए गए। इस घोटाले से पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव का नाम जुड़ा है। इस बारे में दर्ज प्राथमिकी में पांच बिक्री पत्रों का उल्लेख है, लेकिन सीबीआई ने ऐसे 200 से अधिक दस्तावेज जब्त किए हैं। सीबीआई ने आभूषण भी बरामद किए हैं। ये छापे राष्ट्रीय जनता दल, एमएलसी सुनील सिंह, पार्टी नेताओं अश्फाक करीम, फयाज़ अहमद और सुबोध राय के घरों पर मारे गए।
जांच के दौरान सीबीआई ने यह पाया है कि लालू यादव की पत्नी रावडी देवी और पुत्री हेमा यादव को रेलवे में नियुक्तियों के बदले रोजगार पाने वालों ने उपहार स्वरूप भूमि भेंट की।
इससे पहले सीबीआई ने इस घोटाले के सिलसिले में एक रेलवे कर्मचारी हृदयानंद चौधरी और तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के ओएसडी भोला यादव को गिरफ्तार किया था। भोला यादव 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के ओएसडी थे।
सीबीआई ने तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी रावड़ी देवी, दो पुत्रियों और अज्ञात लोक सेवकों सहित 15 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सीबीआई के अधिकारियों के अनुसार 2004 से 2009 के दौरान लालू यादव को रेलवे के विभिन्न अंचलों में ग्रुप-डी पदों पर वैकल्पिक नियुक्तियों के बदले जमीन हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ। पटना के कई निवासियों ने अपने परिवार के सदस्यों के जरिए लालू यादव के परिवार के सदस्यों और उनके नियंत्रण वाली प्राइवेट कंपनी को पटना स्थित अपनी संपत्ति बेची या उपहार में दी।
सीबीआई के अनुसार जोनल रेलवे में वैकल्पिक कर्मचारियों की नियुक्ति कि लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई, फिर भी पटना के निवासियों की नियुक्ति मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में की गई।







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