राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले आचार्य धर्मेंद्र का निधन
-प्रधानमंत्री ने कहा- आध्यात्मिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति
नयी दिल्ली। राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले हिंदू नेता व संत आचार्य धर्मेंद्र का आज निधन हो गया है। उन्होंने जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के आईसीयू में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। गौरतलब है कि बीते एक माह से खराब स्वास्थ्य के कारण जयपुर के इस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। आचार्य धर्मंद्र आंत की बीमारी से पीडि़त थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कुछ दिन पहले ही उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। राजस्थान बीजेपी के कई नेता भी उन्हें देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। आचार्य स्वामी धर्मेंद्र के दो बेटे सोमेंद्र शर्मा और प्रणवेंद्र शर्मा हैं। सोमेंद्र की पत्नी और आचार्य की बहू अर्चना शर्मा मौजूदा समय में गहलोत सरकार में सामाजिक कल्याण बोर्ड की चेयरपर्सन हैं।
देशभर के हिंदू संगठनों से जुड़े हुए लोगों ने आचार्य धर्मेंद्र के निधन पर शोक जताया। उन्होंने श्री राममंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी. विश्व हिंदू परिषद से लंबे समय तक जुड़े रहने के दौरान उन्हें राम मंदिर मामले को लेकर अपने खुले रुख की वजह से वह सुर्खियों में रहे। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में जब फैसला आने वाला था, तो उन्होंने फैसले से पहले कहा था, मैं आरोपी नंबर एक हूं। मैंने जो कुछ किया है, सभी के सामने किया है. मैं सजा से नहीं डरता। महात्मा रामचंद्र वीर महाराज के बेटे आचार्य धर्मेंद्र विश्व हिंदू परिषद में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल में रहे. उनका पूरा जीवन हिंदी, हिदुत्व और हिंदुस्तान के विकास के लिए समर्पित रहा।
प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीपंचखण्ड पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी धर्मेंद्र महाराज के निधन पर सोमवार को शोक जताया और कहा कि उनका जाना धार्मिक और आध्यात्मिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।आचार्य बीते कई दिनों से जयपुर के सवाई मान सिंह सरकारी अस्पताल में उपचाराधीन थे। तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर उन्हें 'वेंटिलेटर' पर रखा गया था, जहां उनका निधन हो गया। वह 80 साल के थे। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ''समाज और राष्ट्रसेवा में समर्पित श्रीमद् पंचखण्ड पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेंद्र के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना धार्मिक और आध्यात्मिक जगत के एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे।ÓÓआचार्य धर्मेंद्र का मठ जयपुर के पास विराटनगर में है।







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