केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पी.एफ.आई. और उसके सहयोगी गुटों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को कहा
नई दिल्ली। केन्द्र ने राज्यों को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया- पीएफआई और इसके सहयोगी संगठनों के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बुधवार को जारी अधिसूचना में केन्द्र सरकार ने पी एफ आई और इसके सहयोगी गुटों को तत्काल प्रभाव से पांच वर्ष के लिए गैरकानूनी घोषित किया था।
गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा कि पीएफआई और रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नैशनल कंफडेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्ग्रेनाइजेशन, नैशनल वीमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन एंड रिहैब फाउंडेशन, केरल हिंसक आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त पाये गए। अधिसूचना में आगे कहा गया है कि पीएफआई के वैश्विक आतंकवादी गुटों से सम्पर्क के कई प्रमाण मिले हैं। पीएफआई के कुछ सदस्यों ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल होकर सीरिया, इराक और अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों को भी अंजाम दिया है।
मंत्रालय ने कहा कि इसे देखते हुए पीएफआई और इससे जुडे गुटों को तत्काल प्रभाव से अवैध घोषित करना जरूरी हो गया था। गृहमंत्रालय ने बताया कि उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात सरकार ने भी पीएफआई को प्रतिबंधित करने की सिफारिश की थी। हाल में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण, प्रवर्तन निदेशालय और राज्य पुलिस ने कई राज्यों में पीएफआई के परिसरों में छापे मारे थे और इसके कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था।







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