ब्रेकिंग न्यूज़

दिव्यांग छात्र एक बार में एक से अधिक वैकल्पिक कोर्स से क्रेडिट हासिल कर सकेंगे


नयी दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ‘‘दिव्यांग जनों एवं विशिष्ट शिक्षण अक्षमताओं वाले छात्रों के पठन पाठन के आयामों पर क्रेडिट आधारित कोर्स'' का मसौदा दिशानिर्देश तैयार किया है । इसमें दिव्यांग छात्रों को एक बार में एक या अधिक वैकल्पिक कोर्स का उपयोग करके क्रेडिट हासिल करने की अनुमति दिये जाने का प्रस्ताव किया गया है। आयोग ने सभी पक्षकारों से मसौदा दिशानिर्देश पर यूजीसी के विश्वविद्यालय गतिविधि निगरानी पोर्टल पर 25 अक्तूबर तक सुझाव आमंत्रित किये हैं । इसमें कहा गया है कि पसंद आधारित क्रेडिट प्रणाली (सीबीसीएस) ऐसा शैक्षणिक मॉडल है जो छात्रों को अपनी पसंद के कोर्स और विषय चुनने की सुविधा देता है और यह मुख्य, ऐच्छिक, मुक्त एवं कौशल आधारित कोर्स में हो सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अकादमिक क्रेडिट बैंक की संकल्पना की गई है ताकि छात्र एक संस्थान से दूसरे संस्थान में सुगमता से जाएं और पढ़ाई करें और यह उपयुक्त ‘क्रेडिट हस्तांतरण व्यवस्था' के जरिये एक कार्यक्रम से दूसरे कार्यक्रम में भी हो सके । इसमें कहा गया है कि दिव्यांग छात्रों को अकादमिक क्रेडिट बैंक की सुविधा प्रदान करने के लिये उच्च शिक्षण संस्थान कई कदम उठा सकते हैं जिसमें दिव्यांग छात्रों को एक बार में एक या अधिक वैकल्पिक कोर्स का उपयोग करके क्रेडिट हासिल करने की अनुमति दी जा सकती है। मसौदा दिशानिर्देश में कहा गया है कि क्रेडिट आवंटित करने के लिये कई कार्य किये जा सकते हैं जिसमें स्व अध्ययन, ई लर्निंग, लैब कार्य, आनलाइन कार्य आदि शामिल हैं । इसमें कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं के परिसरों में पैदल पथ से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं का सृजन करने को कहा गया है। परिसर में दो-तरफा आवाजाही के लिये पैदल पथ का निर्माण करने को कहा गया है जिसकी सतह ठोस और फिसलन मुक्त हो । परिसर में सड़क के इर्द गिर्द बैठने की व्यवस्था, समपार, स्पर्शनीय पथ, पहुंच योग्य स्तम्भ, पर्याप्त रौशनी की व्यवस्था होनी चाहिए । मसौदा दिशानिर्देश में कहा गया है कि परिसर में सड़कों के साथ ही 30 मीटर पर बैठने की उचित व्यवस्था हो और इससे पैदल चलने वालों की आवाजाही बाधित नहीं होती हो। परिसर में नौवहन सुविधा के लिये जीपीएस मैपिंग एवं ब्लूटूथ प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराई जा सकती है और इनका स्पर्शनीय व्यवस्था से संयोजन किया जा सकता है । इसमें कहा गया है कि परिसर में इलेक्ट्रानिक एवं डिजिटल संकेतक प्रणाली लगायी जा सकती है जो विभिन्न ध्वनियां उत्सर्जित करती हो और विविध रंग समायोजन प्रदान करती हो । इसमें कहा गया है कि पठन पाठन से जुड़ी सहायक सामग्रियों के उपयोग से विशिष्ट शिक्षण अक्षमता (एसएलडी) वाले छात्रों की सीखने की प्रक्रिया में काफी सुधार किया जा सकता है।
-

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english