उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रोफेसर जी. एन. साईं बाबा को माओवादियों से संबंध के कथित आरोप में कारावास से रिहा करने के आदेश पर रोक लगाई
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और अन्य को कारावास से रिहा करने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। प्रोफेसर जी एन साईबाबा को माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में यूएपीए के अंतर्गत आरोपी बनाया गया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत ने उसे मामले के गुणों के आधार पर दोषी करार दिया था। साईबाबा के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं और यह देश की अखंडता, संप्रभुता और समाज के हितों के विरूद्ध है।
उच्चतम न्यायालय ने साईबाबा को घर में नजरबंद रखने की अपील को भी खारिज कर दिया। साईबाबा के वकील ने कहा था कि वह 90 प्रतिशत दिव्यांग है और व्हीलचेयर पर है। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार की अपील पर नोटिस भी जारी किए। अगली सुनवाई 8 दिसम्बर को होगी।




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