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प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में 90वीं इंटरपोल महासभा में मौजूदा खतरों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान किया

 नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध शिकार और संगठित अपराधों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जब खतरे वैश्विक हैं, तो प्रतिक्रिया स्थानीय नहीं हो सकती क्योंकि ये खतरे पहले की तुलना में ज्‍यादा तेज और परिवर्तनशील हैं। वे मंगलवार को  नई दिल्ली में 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित कर रहे थे।

 प्रधानमंत्री ने कहा कि आपराधिक गतिविधियों के सुरक्षित पनाहगाहों के खातमे के लिए  वैश्विक समुदाय को और भी तेजी से काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट, आतंकवादियों, मादक पदार्थों के तस्‍करों, अवैध शिकार करने वाले गिरोहों या संगठित अपराध के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खतरों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्‍व द्वारा इन खतरों को मानने से कई दशक पहले भारत इनका मुकाबला कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग सुरक्षा और संरक्षा की कीमत जानते हैं क्योंकि हजारों लोगों ने इस लड़ाई में अपना बलिदान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद से अब केवल भौतिक रूप में ही नहीं लड़ा जाता बल्कि यह साइबर खतरों और ऑनलाइन कट्टरवाद के रूप में तेजी से फैल रहा है। उन्होंने इस खतरे से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय रणनीति  को और विकसित करने की आवश्यकता दोहराई। उन्होंने अपराध का जल्द पता लगाने और चेतावनी प्रणाली की स्थापित करने, परिवहन सेवाओं की सुरक्षा, संचार और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने और खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान तथा तकनीकी सहायोग पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार और वित्तीय अपराधों के खतरों पर कहा कि इन अपराधों ने कई देशों में नागरिक कल्‍याण को बहुत नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट लोग सबसे गरीब लोगों से पैसा वसूलते हैं और फिर उन्हें अवैध गतिविधियों में धकेल देते हैं।
 प्रधानमंत्री ने पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया को सुरक्षित और संरक्षित रखना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। उन्‍होंने कहा कि जब आपसी सहयोग अच्‍छी तरह से काम करता है तो अपराधिक ताकतें काम नहीं कर सकती हैं। वैश्विक खतरों से निपटने में इंटरपोल की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि 90वीं इंटरपोल महासभा अपराध, भ्रष्टाचार और आतंकवाद से निपटने के लिए एक प्रभावी और सफल मंच साबित होगी। प्रधान मंत्री ने कहा कि इंटरपोल ने पिछले 99 वर्षों में एक सौ 95 देशों में विश्व स्तर पर पुलिस संगठनों को जोड़ा है। उन्होंने कहा कि इंटरपोल अगले वर्ष अपनी स्थापना के एक सौ वर्ष पूरे कर लेगा। प्रधानमंत्री ने 90वीं इंटरपोल महासभा के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट और एक सौ रुपये का सिक्का जारी किया। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नसर अल रईस, इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक, सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 

 

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