कश्मीर में पर्यटन बढ़ने से होटल व्यवसायी, हाउसबोट और शिकारा संचालक खुश
श्रीनगर। श्रीनगर की प्रख्यात डल झील पिछले कुछ हफ्तों से बड़ी संख्या में पर्यटकों को शिकारे की सवारी के लिए आकर्षित कर रही है, जबकि नक्काशीदार हाउसबोट पर रोशनी फिर से चमक रही है । इसकी वजह यह है कि कश्मीर घाटी में आने वाले पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। डल झील के किनारे ऐतिहासिक बौलवार्ड रोड और अन्य प्रमुख स्थानों पर स्थित होटल, दिल्ली और सूरत और कोलकाता जैसे शहरों से आने वाले पर्यटकों से लगभग भरे हुए हैं। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किए जाने के बाद तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हो गया जिससे यहां अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसके बाद कोरोना वायरस महामारी के दो कठिन वर्षों ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटन की कमर तोड़ दी। लेकिन क्षेत्र में कोविड-19 टीकाकरण के बाद महामारी के हालात बदले। कश्मीर अब फिर से दर्शकों का खुले दिल से स्वागत कर रहा है।
श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाली उड़ानें देश के सभी हिस्सों से पर्यटकों को ला रही हैं, और होटल व्यवसायी, हाउसबोट मालिक, टैक्सी और शिकारा संचालक, और रेस्तरां व्यवसायी पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखकर प्रसन्न हैं क्योंकि इससे उनके राजस्व में वृद्धि हुई है। सूरत के व्यवसायी सुरेश हेमनानी ने हाल ही में परिवार के 15 अन्य सदस्यों के साथ पहली बार कश्मीर की यात्रा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले से उड़ान टिकट खरीदे थे और कई महीने पहले होटल बुक किया था। उन्होंने कहा ‘‘लोग बड़ी संख्या में घूमने के लिए कश्मीर आ रहे हैं । कुछ समय पहले ऐसा नहीं था। कोविड प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, और टीकाकरण ने यात्रियों और अन्य लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाया है।'' उन्होंने कहा, “खुशी है कि हमने सब कुछ पहले ही बुक कर लिया था क्योंकि श्रीनगर में होटल का कमरा मिलना अब बहुत मुश्किल है। हम श्रीनगर, पहलगाम, सोनमार्ग देखेंगे और गुलमार्ग में बर्फ देखने और गोंडोला की सवारी करने को लेकर भी हम उत्साहित हैं।” कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों और अन्य राज्यों के पर्यटकों की भीड़ भी ‘धरती का स्वर्ग' कहलाने वाली घाटी की यात्रा कर रही है । कश्मीर को उसकी अलौकिक सुंदरता और जीवंत सांस्कृतिक विरासत के लिए दिया गया यह नाम यहां सामान्य स्थिति के लौटने के एक प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। कश्मीर में सेना के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि फरवरी 2021 में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर बनी सहमति सहित विभिन्न कारण घाटी में हालात सामान्य हो रहे हैं। बौलवार्ड रोड पर स्थित करीब 50 साल पुराने ‘‘होटेल पैराडाइज'' के प्रबंधक समीर अहमद ने कहा ‘‘अगले सप्ताह तक हमारे यहां कोई कमरा खाली नहीं है। सर्दियों से पहले श्रीनगर में पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी है। लोग बर्फबारी देखने खास तौर पर आ रहे हैं। गुलमर्ग में रिजार्ट पूरी तरह भरे हुए हैं। पहले से बुकिंग नहीं होने पर कमरे मिलना मुश्किल है।'''
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