जम्मू में कृत्रिम झील परियोजना कुछ वर्षों से रूके रहने के बाद फिर शुरू हुई
जम्मू,। जम्मू में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यहां तवी कृत्रिम झील का निर्माण कार्य कई बार समय सीमा को चूकने और 2018 से रूके रहने के बाद फिर से शुरू हो गया है। तवी नदी में कृत्रिम झील एवं नदी तट सौंदर्यीकरण का कार्य 280 करोड़ रुपये की लागत से अगले वर्ष अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। जम्मू के मेयर राजेंद्र शर्मा ने ‘ बताया,“यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो तवी बराज परियोजना कृत्रिम झील के अन्य घटकों पर जारी कार्य के साथ अप्रैल 2023 तक पूरी हो जाएगी, जिनमें नदी तट संरक्षण, साबरमती नदी की तर्ज पर तवी रिवरफ्रंट का विकास भी शामिल है।” उन्होंने कहा, “हमें खुश होना चाहिए कि कम से कम अब यह कार्य फिर से शुरू हो गया है। यह एक कठिन कार्य है। लेकिन हमें उम्मीद है कि यह समय सीमा में पूरा हो जाएगा।” मेयर ने कहा कि झील जम्मू के पर्यटन परिदृश्य को पूरी तरह से बदल देगी।
शर्मा ने कहा, “झील के प्रवेश स्थान पर आकर्षण के कई बड़े केंद्र होंगे। यह जम्मू का सौंदर्यीकरण होगा।” झील परियोजनाओं के विशेषज्ञ इन्दिरेश प्रजापति ने कहा कि कार्य जोरों पर चल रहा है।
परियोजना की शुरूआत 2009 में कांग्रेस-नेकां सरकार द्वारा शुरू की गई थी। समय सीमा सात बार पार कर गई और 2018 में कार्य रूक गया। राज्य सरकार ने पिछले एक दशक में इस परियोजना पर 58 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा इसकी आधारशिला पांच दिसंबर, 2009 को रखी गई थी। मेयर ने कहा, ‘‘1,500 मीटर लंबी और 600 मीटर चौड़ी झील यहां अपनी तरह की पहली झील है, जो जम्मू शहर में पर्यटन को नया आयाम देगी।''
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