राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जहरीली शराब त्रासदी में 59 लोगों की मृत्यु पर बिहार सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की खबर पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने मीडिया की खबरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से इस मामले में चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी, अस्पताल में भर्ती पीड़ितों के चिकित्सा उपचार और पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे, आज की स्थिति के बारे में ब्यौरा मांगा।
मीडिया में बताया गया कि राज्य के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से 50 से अधिक लोगों मौत हो गई है। इस बीच, बिहार के सीवान और बेगूसराय से जहरीली शराब पीने से सात और लोगों की मौत होने की खबर है। राजभवन मार्च निकालने से पहले भाजपा सदस्यों ने शुक्रवार को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित की। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सदस्य सदन के बीचोंबीच आ गए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि जहरीली शराब कांड में मारे गए लोगों के निकट परिजनों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार शराबबंदी पर अडिग है। उन्होंने फिर कहा कि जहरीली शराब त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
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