कोविड फिर चर्चा में आया: बीएफ.7 स्वरूप के मामले आए सामने
नयी दिल्ली/नूंह. कोविड ने भारत के स्वास्थ्य एवं राजनीतिक नक्शे के केंद्र में बुधवार को फिर से वापसी की और सरकार ने लोगों को टीकाकरण कराने एवं मास्क पहनने की सलाह देते हुए कहा कि हवाई अड्डों पर चीन एवं अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से कुछ के नमूने औचक आधार पर कोरोना वायरस की जांच के लिए लिये जाएंगे। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर तीन भाजपा सांसदों द्वारा व्यक्त की गयी चिंता का हवाला देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से अपील की कि यदि कोविड नियमों का पालन नहीं किया जा सकता, तो वह ‘भारत जोड़ो यात्रा' को निलंबित करने पर विचार करें, जिसे लेकर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए परोक्ष तौर पर जिम्मेदार ओमीक्रोन के उपस्वरूप बीएफ.7 के तीन मामले भारत में अब तक सामने आये हैं। बीएफ.7, ओमीक्रोन के स्वरूप बीए.5 का एक उपस्वरूप है और यह काफी संक्रामक है। इसकी ‘इनक्यूबेशन' अवधि कम है। यह पुन: संक्रमित करने या उन लोगों को भी संक्रमित करने की उच्च क्षमता रखता है, जिनका (कोविड-19) टीकाकरण हो चुका है। अधिकारियों ने बताया कि गुजरात जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र ने अक्टूबर में भारत में बीएफ.7 के पहले मामले का पता लगाया था। उन्होंने कहा कि अब तक गुजरात से दो मामले सामने आए हैं, जबकि ओडिशा से एक मामला सामने आया है। मांडविया की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कोविड समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि, अब तक कोविड के मामलों की संख्या में समग्र वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन मौजूदा और उभरते स्वरूपों पर नज़र रखने के लिए निरंतर निगरानी की आवश्यकता है। मंत्री ने लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने सहित संक्रमण के प्रसार की रोकथाम से जुड़े व्यवहार का पालन करने और टीका लगवाने को कहा। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर आज विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधित लोगों को सजग रहने और निगरानी बढ़ाने के लिये कहा है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिये तैयार हैं।” बैठक में स्वास्थ्य विभाग, औषधि विभाग, जैवप्रौद्योगिकी विभाग और आयुष विभाग के सचिवों के अलावा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल और राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष डॉ. एन. के. अरोड़ा भी शामिल हुए। बैठक के बाद डॉ. वी. के. पॉल ने कहा कि केवल 27-28 फीसदी भारतीयों ने कोविड-19 टीके की एहतियाती खुराक अब तक ली है। उन्होंने कहा कि लोगों को टीकाकरण कराना चाहिये और अधिक भीड़ वाली जगह पर मास्क लगाना चाहिए। पॉल ने लोगों से अनुरोध किया कि वे डरे नहीं और यह भी बताया कि अभी अंतरराष्ट्रीय विमान यात्रा के दिशानिर्देश में बदलाव नहीं किया गया है। जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और चीन में मामलों में वृद्धि के मद्देनजर मांडविया ने कोविड-19 वायरस के नये प्रकार के खिलाफ सतर्क और हमेशा तैयार रहने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कोविड के सकारात्मक नमूनों के पूरे जीनोम अनुक्रमण के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए कहा, ताकि यदि देश में कोविड-19 का कोई नया स्वरूप हो, तो उसकी समय रहते भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) के जरिये पहचान की जा सके। बैठक में मंत्री को अवगत कराया गया कि भारत में वायरस का संक्रमण घट रहा है और 19 दिसंबर, 2022 को खत्म हुए हफ्ते में कोविड-19 के औसत नये मामले घटकर 158 रह गये। हालांकि, वैश्विक स्तर पर पिछले छह हफ्तों से कोविड-19 के प्रतिदिन के औसत मामले में इजाफा देखा जा रहा है। 19 दिसंबर, 2022 को खत्म हुए हफ्ते में विश्व में कोविड-19 के 5.9 लाख नये औसत मामले दर्ज किये गये। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि चीन में कोविड-19 संक्रमण बढ़ने की वजह इसके ओमीक्रोन स्वरूप से विकसित बीएफ.7 प्रकार है। बैठक के दौरान बताया गया कि कोविड-19 के नये मामलों के लिहाज से केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु सबसे आगे हैं, लेकिन देश में समग्र रूप से कोविड-19 के मामले घट रहे हैं। देश में 20 दिसंबर, 2022 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक रोजाना के नये कोविड-19 मामलों में इन पांच राज्यों की हिस्सेदारी 84 फीसदी थी। देश के हवाई अड्डों पर चीन और अन्य देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय विमान यात्रियों के नमूने औचक तरीके से लेकर कोविड-19 की जांच की जाएगी। मांडविया की अध्यक्षता में देश में कोविड-19 के हालात की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक के बाद यह कदम उठाया गया। देश के कई राज्यों ने भी कोविड से निपटने के लिए अपने स्तर पर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। विश्व के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के नए मामले अचानक तेजी से बढ़ने के मद्देनजर कर्नाटक सरकार बेंगलुरु हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच शुरू करेगी। अरुणाचल प्रदेश सरकार ने जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे संक्रमित पाए गए लोगों के नमूनों का ‘जीनोम अनुक्रमण' सुनिश्चित करें। दिल्ली सरकार भी कोविड-19 की स्थिति पर नजर रख रही है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग को नमूनों के जीनोम अनुक्रमण सुनिश्चित करने तथा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक अन्य कदम उठाने का निर्देश दिया। केजरीवाल ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिये बृहस्पतिवार को एक आपात बैठक भी बुलाई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक कार्यबल या एक समिति का गठन करेगी। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ नियोगी ने कहा कि राज्य में कोविड-19 का प्रसार नहीं होने देने के लिए नियमित रूप से जांच और निगरानी की जा रही है। इस बीच, कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा' पर कोविड संबंधी चिंताओं को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के पत्र के बाद कांग्रेस ने कहा कि जन स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर दलगत राजनीति नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस ने सरकार पर ‘भारत जोड़ो यात्रा' को कोविड चिंताओं के मद्देनजर चुनिंदा रूप से निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी तो कर्नाटक और राजस्थान में यात्रा निकाल रही है। मांडविया के पत्र के बाद एक बयान में कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राजस्थान के एक भाजपा सांसद द्वारा उन्हें भेजी गयी चिट्ठी के आधार पर गांधी को पत्र लिखा है। उक्त भाजपा सांसद ने मांडविया को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि भारत जोड़ो यात्रा में कोविड नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। रमेश ने कहा, ‘‘सांसद का यह पत्र उनके राज्य में भारत जोड़ो यात्रा की व्यापक सफलता के बाद भेजा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ संसद की सामान्य ढंग से बैठक हो रही है। उड़ान समेत कहीं भी मास्क अनिवार्य नहीं है। भाजपा ने राजस्थान एवं कर्नाटक में यात्राएं निकाली हैं। हाल में राज्यों को केंद्र की ओर से कोई परामर्श जारी नहीं किया गया है। बस जीनोम अनुक्रमण पर कल केंद्र की ओर से राज्यों को भेजा गया पत्र अपवाद है।'' रमेश ने कहा कि मार्च, 2020 में मोदी सरकार ने लॉकडाउन लगाने में कथित रूप से कम से कम एक हफ्ते की ‘‘देरी'' की थी, ताकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरायी जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘ कृपया, कोविड नियमों की घोषणा कीजिए। हम सभी कोविड नियमों का पालन करेंगे।''
रमेश ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा राज्यों को सभी कोविड-19 मामलों की जीनोम अनुक्रमण सुनिश्चित करने के लिए लिखा गया पत्र ‘‘न कोई परामर्श है और न ही चेतावनी।'' उन्होंने कहा कि लेकिन मंत्री ने गांधी को पत्र लिख दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ यदि यह गंभीर मुद्दा है तो संसद स्थगित कर दीजिए, उड़ानों में मास्क लगाना अनिवार्य कर दीजिए, सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दीजिए।'' यात्रा को व्यापक जनसमर्थन मिलने का दावा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मांडविया के पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह पत्र स्पष्ट दिखाता है कि भाजपा का उद्देश्य बढ़ते जनसमर्थन से घबराकर भारत जोड़ो यात्रा में व्यवधान पैदा करना है।'' नूंह में ही कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सार्वजनिक परिवहन में पाबंदियां नहीं होने का संकेत देते हुए सरकार से कोविड नियमों की घोषणा करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि पार्टी उन नियमों का पालन करेगी। गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मांडविया ने कहा था कि राजस्थान के तीन भाजपा सांसदों-- पी पी चौधरी, निहाल चंद और देवजी पटेल ने चिंता व्यक्त की है । इस पत्र में मांडविया ने लिखा था कि इन तीनों सांसदों ने उनसे अनुरोध किया है कि मार्च के दौरान मास्क लगाने और सैनिटाइजर का उपयोग करने समेत कोविड नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए तथा जिन लोगों का टीकाकरण हो चुका है, केवल उन्हें ही इसमें भाग लेने दिया जाए। इन सांसदों ने केंद्रीय मंत्री से यह भी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि इस यात्रा में भाग लेने से पहले और बाद में लोगों को पृथक वास में भेज दिया जाए। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर बुधवार को चिंता जतायी, लेकिन कहा कि भारत को अपने वृहद टीकाकरण के कारण इससे घबराने की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि पूनावाला के इस बयान से महज एक दिन पहले ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अमेरिका और चीन में बढ़ते संक्रमण के मामलों के मद्देनजर सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से जीमोन अनुक्रमण में तेजी लाने और संक्रमित नमूनों में वायरस के किसी भी नये स्वरूप के सामने आने पर नजर रखने और उसका रिकॉर्ड रखने को कहा था।
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