कोविड पाबंदियों में ढील के बाद महाशिवरात्रि पर भक्त मंदिरों में उमड़े
नयी दिल्ली. कोविड-19 की वजह से गत दो साल तक से सादे तरीके से मनाई जा रही महा शिवरात्रि इस बार पूरे हर्षोल्लास से मनाई गई और शनिवार को पूरे देश के शिव मंदिरों में भक्तों का रेला देखने को मिला। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में ‘रुद्राभिषेक' किया।
एक बयान के मुताबिक भगवान शिव की उपासना के विशेष पर्व महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर से लेकर विभिन्न शिवालयों तक भोलेनाथ के दर्शन, पूजन, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक आदि अनुष्ठान किया। विधि-विधान से पूजा के बाद मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय व शांतिमय जीवन की मंगलकामना की। गोरखपुर से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी ने सुबह सात बजे से लेकर दोपहर पौने तीन बजे तक अलग-अलग मंदिरों में उपासना की। योगी के आनुष्ठानिक कार्यक्रमों की शुरुआत गोरखनाथ मंदिर से हुई। गोरखनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि का अनुष्ठान पूर्ण करने के बाद मुख्यमंत्री ने अंधियारी बाग स्थित प्राचीन मानसरोवर शिव मंदिर, राजघाट स्थित मुक्तेश्वर नाथ मंदिर व झारखंडी स्थित झारखंडी महादेव मंदिर का भ्रमण किया। वाराणसी से मिली जानकारी के अनुसार, बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के शिवालयों में श्रद्धालुओं ने कतार लगाकर दर्शन-पूजन किया। काशी विश्वनाथ के दर्शन को शुक्रवार रात आठ बजे से ही शिव भक्तों की कतार लग गयी थी। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि दोपहर तक पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर चुके थे और अभी भीड़ दर्शन के लिए कतार में लगी हुई है। इस बार बाबा विश्वनाथ की बारात जी-20 की ‘थीम' पर निकाली जा रही है। शिव बारात के मुख्य आयोजक दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि इस बार शिव बारात में शामिल होने वाले बाराती जी-20 में शामिल होने वाले मेहमानों के मुखौटे पहन कर बारात में शामिल हुए हैं। सिंह ने बताया कि सुबह साढ़े सात बजे शुरू हुई यह बारात 18 घंटे तक चलने वाली है। इसका समापन आधी रात को जयमाला समारोह के साथ होगा। केरल में भी पूरे भक्तिभाव व परंपरा के साथ महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया गया और बड़ी संख्या में भक्त राज्य के विभिन्न शिव मंदिरों में पूजा अर्चना की और विशेष अनुष्ठान किया। गत दो सालों की तरह इस बार कोविड-19 संबंध प्रतिबंध नहीं थे जिसकी वजह से कई मंदिरों में पिछले साल के मुकाबले अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। राज्य के कई प्रसिद्ध मंदिरों के आगे भक्तों की लंबी कतार देखी गई। राज्य के हिंदू परिवारों ने ‘ओरिक्कल' (उपवास) रखा और परंपरा के तहत शिव को प्रिय माने जाने वाले ‘कूवलम' के पत्ते को अर्पित किया गया और इस दिन मंदिर परिसर ‘ओम नम: शिवाय' के जयकारों से गूंज रहे थे। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर जालंधर स्थित शक्ति पीठ देवी तालाब मंदिर और महालक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना की। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक मान ने कहा कि महाशिवरात्रि लोगों को सत्य की तलाश की दिशा में प्रयास करने को प्रेरित करती है जो उन्हें भगवान शिव द्वारा प्रतिपादित परम चेतना की ओर ले जाता है। मान ने श्री महालक्ष्मी मंदिर स्थित शिवालय में पूजा की और उम्मीद जताई कि यह त्योहार राज्य में सामुदायिक सदभाव और भाईचारे की भावना को और मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री ने श्री देवी तालाब मंदिर में भी पूजा की। महाराष्ट्र में भी परपंरा और श्रद्धा भाव से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया गया। 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक नासिक स्थित त्र्यम्बकेश्वर मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भक्तों की कतार रही। अधिकारियों ने बताया कि कप्लेश्वर, सोमेश्वर, तिलभांडेश्वर, नीलकंठेश्वर,मुक्तिधाम, बानेश्वर और नरोशंकर मंदिरों भी भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। उत्तराखंड में महा शिवरात्रि के अवसर पर शनिवार को हरिद्वार के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ रही और हजारों लोगों ने पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई। हरिद्वार के कनखाल क्षेत्र में सबसे अहम माने जाने वाले दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भक्त दर्शन के लिए कतारों में खड़े नजर आए। जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ बिल्केश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, गौरी शंकर, नीलेश्वर महादेव और दरिद्र भंजन मंदिर में सुबह से ही देखी गई। महा शिवरात्रि के अवसर पर कावंडियों ने भी हरि की पैड़ी में पवित्र गंगा स्नान किया।








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