माता वैष्णो देवी मंदिर रोपवे परियोजना की निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में: उपराज्यपाल सिन्हा
जम्मू। जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि माता वैष्णो देवी मंदिर के लिए रोपवे की निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि स्थानीय व्यवसायों के हितों की रक्षा के लिए परियोजना को ‘‘अत्यंत संवेदनशीलता'' के साथ शुरू किया जाएगा। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर स्थित मंदिर तक 12 किलोमीटर लंबे ट्रैक के साथ ताराकोट मार्ग और सांझी छत के बीच 250 करोड़ रुपये की यात्री रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है। बोर्ड के अध्यक्ष सिन्हा ने मंदिर में पूजा अर्चना के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘रोपवे परियोजना की निविदा प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और परियोजना पर काम पूरी संवेदनशीलता के साथ किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्थानीय कारोबार प्रभावित नहीं हो।'' उपराज्यपाल ने मंदिर परिसर के भवन में तृप्ति भोजनालय और प्रसाद केंद्र का भी उद्घाटन किया और कहा कि रोपवे परियोजना को तीर्थयात्रियों, विशेष रूप से बुजुर्गों और दिव्यांगों को मंदिर में अधिक आसानी से पूजा करने की सुविधा प्रदान करने के लिए मंजूरी दी गई थी। उन्होंने कहा कि दुर्गा भवन में दो सुविधाओं को जोड़ना देश और विदेश से मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को एक आरामदायक और संतोषजनक अनुभव प्रदान करने के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है। सिन्हा ने कहा, ‘‘दुर्गा भवन में एक दिन में 3,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को समायोजित किया जा सकता है और 750 आगंतुक एक समय में भोजनालय में भोजन कर सकते हैं।'' अधिकारियों ने कहा कि 2.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना तीन साल में पूरी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस सुविधा का इस्तेमाल करते हुए तीर्थयात्री पांच से छह घंटे की यात्रा की तुलना में महज छह मिनट में मंदिर परिसर पहुंच सकते हैं। पिछले साल 91.25 लाख श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए थे, जो करीब एक दशक में सबसे अधिक है।

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