द्वीपसमूह अगले पांच वर्षों में देश की समुद्री शैवाल का केन्द्र बन सकता है : राष्ट्रपति
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि लक्षद्वीप में स्थानीय समुदाय, महिला स्वयं सहायता समूह, सहकारी समितियों और निजी उद्यमियों की भागीदारी से समुद्री शैवाल उद्योग के विकास की बड़ी संभावना है। राष्ट्रपति ने कल शाम कवारत्ती में कहा कि इससे दवा और होटल उद्योगों के आयात बिलों में भारी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि द्वीपसमूह अगले पांच वर्षों में देश की समुद्री शैवाल का केन्द्र बन सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि लक्षद्वीप के नीले लैगून में देश का पहला वाटर विला बनाया जाएगा, जिससे पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने ये भी कहा कि विकास के साथ प्रकृति के संरक्षण पर विशेष जोर दिया जा रहा है और इस तरह की अनोखी पहल पूरी दुनिया के लिए इको-टूरिज्म के मॉडल के रूप में उभर सकती है। नीति आयोग के तत्वावधान में कदमत, मिनिकॉय और सुहेली द्वीपों में एंकर परियोजनाओं के रूप में उच्च-पर्यावरणीय पर्यटन परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं।राष्ट्रपति ने अमिनी और कल्पेनी द्वीपों के लिए अलवणीकरण परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिनमें से प्रत्येक में प्रतिदिन डेढ़ लाख लीटर पेयजल का उत्पादन करने की क्षमता है।
Leave A Comment