ब्रेकिंग न्यूज़

यूनेस्को की मानवता की अमूर्त विरासत की सूची में हर दो वर्ष में प्रस्तुतकर्ता देश से केवल एक नामांकन पर होगा विचार

नयी दिल्ली। सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि यूनेस्को के नवीनतम निर्देशों में मानवता की अमूर्त विरासत की सूची में हर दो वर्ष में प्रत्येक प्रस्तुतकर्ता देश से केवल एक नामांकन पर विचार करने का उल्लेख किया गया है और इसे समय पर प्रस्तुत करना सुनिश्चित किया जा रहा है। लोकसभा में राजा अमरेश्वर नाईक के प्रश्न के लिखित उत्तर में संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि सरकार यह सुनिश्चित करती है कि यूनेस्को के निर्देशों के अनुसार भारत की ओर से नामांकन समय पर प्रस्तुत किए जाएं।

उन्होंने बताया कि यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में भारत की आर से 14 विरासत घटकों को शामिल किया गया है । उन्होंने कहा कि यूनेस्को के नवीनतम निर्देशों में कहा गया है कि मानवता की अमूर्त विरासत की सूची में हर दो वर्ष में प्रत्येक प्रस्तुतकर्ता देश से केवल एक नामांकन पर विचार किया जायेगा। मंत्री ने कहा कि सरकार ‘वैश्विक भागीदारी योजना' नामक कार्यक्रम संचालित कर रही है जिसके घटकों में भारत महोत्सव और भारत-विदेश मैत्री सांस्कृतिक सोसाइटियों की सहायता अनुदान योजना शामिल हैं।

वहीं, निचले सदन में सुनीता दुग्गल के प्रश्न के लिखित उत्तर में संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों को जलवायु परिवर्तन से बचाने के लिए कदम उठाए हैं जिसमें जलवायु के प्रभाव को कम करने तथा आगे इन्हें अधिक खराब होने से रोकने के लिए, संरक्षित स्मारकों और स्थलों में वैज्ञानिक सफाई, सुदृढ़ीकरण और परिरक्षण कार्य नियमित रूप से किए जाते हैं।

उन्होंने बताया कि उन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के स्मारकों और धरोहर स्थलों पर प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में जानकारी है। रेड्डी ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा वैज्ञानिक संरक्षण, मिट्टी का लेपन, हाइड्रोलिक उपचार जैसी विभिन्न पद्धतियों को अपनाकर इन प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के उपाय किए गए हैं।

मंत्री ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कुछ स्मारकों की संरचनात्मक सुरक्षा और परिरक्षण पद्धतियों पर पर्यावरणीय प्रदूषण के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए सर्वेक्षण किया है। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री के अनुसार, प्रदूषकों के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए कुछ स्मारकों के आस-पास, रासायनिक और भौतिक मापदंडों जैसे सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइडों, सूक्ष्म पदार्थों, धूल कणों, वर्षा, वायु गति और तापमान की निगरानी की जाती है।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english