आधार बनाने में दिव्यांगों को पेश आने वाली कठिनाइयों को राज्य प्रतिनिधियों के समक्ष उठाया जाए: समिति
नयी दिल्ली । संसद की एक समिति ने दिव्यांगजनों के सामने आने वाली कठिनाइयों को रेखांकित करते हुए केंद्र से कहा है कि केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की बैठकों में राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ दिव्यांगों को आधार कार्ड बनाने में पेश आने वाली समस्याओं को उठाया जाए। समिति ने यह भी कहा कि कार्यान्वयन प्राधिकारियों से आग्रह किया जाए कि वे ऐसे दिव्यांगजनों को उनके आधार कार्ड प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करने के लिए ‘बायोमेट्रिक एक्सेप्सन' की व्यवस्था का उपयोग करें।
संसद में गुरुवार को पेश भारतीय जनता पार्टी की सांसद रमा देवी की अध्यक्षता वाली सामाजिक न्याय और अधिकारिता संबंधी स्थायी समिति की वर्ष 2023-24 की अनुदान की मांगों संबंधी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार, समिति दिव्यांगजनों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर ध्यान आकर्षित करना चाहती हे जो विशेष प्रकार की दिव्यांगता के कारण पंजीकरण उद्देश्य से फिंगर प्रिंट को चिन्हित नहीं कर पाते हैं और इसके कारण अपना आधार बनाने में असमर्थ होते हैं। जब ऐसे मामलों के उपाय के बारे में पूछा गया तब विभाग ने बताया कि अपने लिए आधार कार्ड प्राप्त करने के इच्छुक ऐसे दिव्यांगजनों के लिए ‘बायोमेट्रिक एक्सेप्सन' का प्रावधान है। रिपोर्ट के अनुसार, समिति चाहती है कि राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की बैठकों के दौरान इन मुद्दों को उठाया जाए और कार्यान्वयन प्राधिकारियों से आग्रह किया जाए कि वे ऐसे दिव्यांगजनों को उनके आधार कार्ड प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करने के लिए बायोमेट्रिक एक्सेप्सन का उपयोग करें। समिति ने देश में अब तक 89.29 लाख विशिष्ट दिव्यांगता पहचान (यूडीआईडी) पत्र जारी करने में सरकार के प्रयासों की सराहना की। समिति ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि विशिष्ट पहचान पत्र भविष्य में विभिन्न लाभ उठाने के लिए दिव्यांगजनों की पहचान और सत्यापन के एकल दस्तावेज का काम करेगा। समिति इस बात की सराहना करती है कि डिजिलॉकर ऐप में यूडीआईडी कार्ड उपलब्ध है जिससे दिव्यांगजनों को वास्तविक कार्ड हमेशा अपने साथ रखने की परेशानी से बचाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने सुझाव दिया कि विशेष रूप से उन ग्रामीण क्षेत्रों में कवरेज बढ़ाने के लिए इस योजना का उचित प्रचार किया जाए जहां ज्यादा दिव्यांगजन रहते हैं।
Leave A Comment