तीव्र गति से प्रगति करने के लिए महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत : वाजेद
नयी दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर, दक्षिण पूर्व एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में तेजी लाने के लिए महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान दिये जाने की आवश्यकता पर बृहस्पतिवार को जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सबसे पहले समग्र स्वास्थ्य में पर्याप्त निवेश करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में हमारा क्षेत्र पिछड़ा हुआ है। हमारे क्षेत्र के देश सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)का लगभग 2.9 प्रतिशत ही आवंटित करते हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर यह चार प्रतिशत है।'' वाजेद ने कहा, ‘‘जब परिवारों को अपनी जेब से भुगतान करना पड़ता है, तो वे अक्सर बहुत आवश्यक देखभाल में देरी करेंगे या छोड़ देंगे। इसका महिलाओं पर क्या प्रभाव पड़ता है? जैसा कि हम जानते हैं, परिवार के बीमार या वृद्ध सदस्यों की देखभाल का ज्यादातर बोझ महिलाओं और लड़कियों पर पड़ता है।'' उन्होंने कहा कि महिलाएं और लड़कियां पहले से ही घरों में ज्यादातर अवैतनिक काम करती हैं, पुरुषों की तुलना में ऐसे काम करने में उन्हें हर दिन दो से पांच गुना अधिक खर्च करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह असमान स्थिति महिलाओं को आर्थिक और राजनीतिक जीवन में पूरी तरह से शामिल होने से रोकती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि हमें लैंगिक समानता और सभी के लिए स्वास्थ्य की दिशा में प्रगति लाने की जरूरत है। हमने इसमें कुछ सफलता हासिल की है, लेकिन असमानताएं बनी हुई हैं।'' वाजेद ने कहा, ‘‘हमारे क्षेत्र में महिलाओं को सेवाओं तक पहुंच हासिल करने में विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड़ता है।'' उन्होंने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा अस्वीकार्य रूप से व्यापक है। उन्होंने कहा कि यह उनके मानवाधिकारों के उल्लंघन से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘बेहतर जानकारी रखने वाली माताएं आने वाली पीढ़ियों को आजीवन लाभ पहुंचाती हैं। वे बच्चों को बेहतर पोषण प्रदान करती हैं, सक्रिय जीवनशैली को प्रोत्साहित करती हैं, साफ-सफाई और स्वच्छता और अन्य स्वस्थ आदतें पैदा करती हैं।
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