हर मंडल में बनेगी 'आदर्श गोशाला'
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के हर मंडल में 'आदर्श गोशाला' बनाने का फैसला किया है। राज्य सरकार द्वारा रविवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक इसके तहत प्रथम चरण में आठ मंडलों में एक गोशाला को आत्मनिर्भर और एक ब्लॉक को प्राकृतिक खेती के लिये चयनित कर मॉडल क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा। यह योजना गौ-संवर्द्धन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। बयान के अनुसार प्रथम चरण में प्रदेश के आठ मंडलों की आठ गोशालाओं को 'आदर्श गोशाला' के रूप में चुना जा रहा है। इनमें अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर, चित्रकूट, बरेली, आगरा, कानपुर और झांसी शामिल हैं। इन गोशालाओं को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बताया कि बरेली मंडल के मझगवां ब्लॉक स्थित 'खंगवा श्याम सृष्टि मंगलम् गोशाला' को प्रदेश की पहली आदर्श गोशाला घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें ‘इंटर-लॉक्ड वेस्ट-फ्री शेड डिजाइन' अपनाया जाएगा, जिससे चारे की बर्बादी में कमी आएगी। यहां से मंडल-स्तरीय आत्मनिर्भर गोशाला मॉडल की शुरुआत हुई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'ग्राम-ऊर्जा मॉडल' के तहत गोशालाओं को ग्रामीण विकास का केंद्र बनाया जाएगा। मझगवां ब्लॉक को पूरी तरह गो-आधारित प्राकृतिक कृषि क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे किसानों को रासायनिक खादों पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। सरकार की योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को गोशालाओं से जोड़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के विशेष कार्याधिकारी अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि गोशालाओं के माध्यम से ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत गोशालाओं को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा और इन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि गो-संवर्धन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन हो और गांवों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो।
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