प्रत्यक्षदर्शी ने उस पल को किया याद, जब आग की लपटों से घिरी लड़की उनके दरवाजे पर पहुंची थी
पुरी. ओडिशा के पुरी जिले में कुछ लोगों द्वारा अपहृत और आग के हवाले की गई 15 वर्षीय लड़की की जान बचाने वाले व्यक्ति ने रविवार को उन पलों को याद किया जब लड़की ने "मुझे बचाओ, मुझे बचाओ" चिल्लाते हुए उसका दरवाजा खटखटाया था। बलंगा गांव के निवासी दुक्षिष्यम सेनापति ने बताया कि जब उन्होंने दस्तक और चीखें सुनकर दरवाज़ा खोला तो उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ। सेनापति ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया को बताया, "लड़की जल रही थी और दर्द से चीख रही थी।" डीजीपी शनिवार सुबह इस गांव में घटी घटना को समझने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे। सेनापति ने बताया, "सुबह करीब साढ़े आठ बजे वह लड़की चिल्लाती हुई मेरे घर आई। मैंने अपनी पत्नी की मदद से आग बुझाई और उसे पानी दिया क्योंकि वह बहुत प्यासी थी। बाद में मेरे परिवार की महिलाओं ने उसके कपड़े बदले।" सेनापति ने बताया कि उन्होंने लड़की से पूछा कि क्या हुआ था, और उन्हें बताया गया कि तीन अज्ञात लोगों ने उसे आग लगा दी थी। सेनापति ने कहा, "उसने बताया कि वह एक दोस्त से मिलने के बाद घर लौट रही थी, तभी मोटरसाइकिल पर आए तीन लोगों ने उसे उठा लिया। इन लोगों के चेहरे आधे ढके हुए थे, और वे उसे भार्गवी नदी के किनारे एक जगह ले गए। वह उनके नाम नहीं बता सकी। वह सिर्फ़ इतना बता सकी कि उन्होंने उसके चेहरे को रूमाल से ढक दिया और आग लगाने से पहले उस पर कोई पदार्थ डाल दिया।" उन्होंने डीजीपी को बताया, "मैंने ज़्यादा ज़ोर नहीं दिया क्योंकि वह कांप रही थी।"
सेनापति ने बताया कि आरोपियों ने लड़की का अपहरण करते समय उसके हाथ बांध दिए थे। उन्होंने कहा, "लेकिन, जब वह मेरे घर पहुंची, तो उसके हाथ खुले थे।" सेनापति ने बताया कि वह भी अपराध में शामिल लोगों की तलाश में अपने घर से बाहर भागे, लेकिन वे नहीं मिले। उन्होंने कहा, "लड़की ने मुझे बताया कि उसे आग लगाने के तुरंत बाद वे भाग गए। हमलावरों ने सोचा होगा कि वह मौके पर ही मर जाएगी, लेकिन बहादुर लड़की भागकर हमारे घर पहुंच गई।" उन्होंने डीजीपी को यह भी बताया कि 108 एम्बुलेंस उनके घर देर से पहुंची, जिससे उन्हें लड़की को अस्पताल ले जाने के लिए ऑटो रिक्शा ढूंढना पड़ा। सेनापति ने कहा, "जब हम उसे ऑटो रिक्शा में ले जा रहे थे, उसी समय एम्बुलेंस आ गई। लड़की हमारे घर लगभग 90 मिनट तक रुकी।" लड़की 70 प्रतिशत तक जल चुकी थी। उसे बेहतर इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली ले जाया गया।
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