केरल के पूर्व मुख्यमंत्री, माकपा नेता वीएस अच्युतानंदन का निधन
नई दिल्ली। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता वेलिक्ककतु शंकरन अच्युतानंदन का तिरुवनंतपुरम में सोमवार को निधन हो गया। वह 101 वर्ष के थे और लंबी बीमारी के कारण महीने भर से से तिरुवनंतपुरम के एसयूटी अस्पताल में भर्ती थे।
वीएस के नाम से प्रसिद्ध अच्युतानंदन माकपा के संस्थापक सदस्य थे और 2006 से 2011 तक वह केरल के मुख्यमंत्री रहे। वह 1985 से 2009 तक तक माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे और उसके बाद पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य बने। केरल विधान सभा के इतिहास में वह सबसे अधिक 15 वर्ष तक नेता प्रतिपक्ष रहे। वह सात बार विधान सभा के लिए चुने गए। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को आलप्पुबा ले जाया जाएगा और बुधवार को उनका अंतिम संस्कार होगा। अच्युतानंद का जन्म 1923 में आलप्पुबा जिले के पुन्नपरा के एक खेतिहर मजदूर परिवार में हुआ था। पिछले आठ दशक से वह केरल में श्रमिकों के अधिकारों, भूमि सुधारों और सामाजिक न्याय के लिए काम करते रहे। एस्पिनवॉल कंपनी में काम करते समय उन्होंने कॉयर मजदूरों को संगठित कर पहली बार मजदूर संघ बनाया।
वीएस 1940 मे कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए, जब वह केवल 17 साल के थे। उन्होंने त्रावणकोर कार्षका थोषिलाली संघ की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। अच्युतानंदन ने कुट्टनाड में जमींदारों के हाथों बुरी तरह शोषित हो रहे कृषि श्रमिकों के उत्थान में भी अहम किरदार अदा किया। त्रावणकोर के दीवान के खिलाफ चलाए गए पुन्नपरा-वयलर विद्रोह के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा भयानक यातनाएं दी गईं। माकपा ने एक बयान में कहा, ‘सार्वजनिक वक्ता के तौर पर वीएस को श्रोताओं को साथ सीधे जुड़ने में महारत हासिल थी। बेहद कम खर्च वाली जीवनशैली और सामाजिक न्याय के लिए अडिग प्रतिबद्धता वाले अच्युतानंदन केरल की राजनीति पर अमिट छाप छोड़ गए हैं। उनके निधन से पार्टी और कम्युनिस्ट आंदोलन को बहुत क्षति पहुंची है।’
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