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 भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान' के लिए तैयारियां प्रगति पर

नयी दिल्ली। भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' वर्ष 2027 की पहली तिमाही में प्रक्षेपित किया जाएगा और इसके लिए आवश्यक अवसंरचना जैसे ऑर्बिटल मॉड्यूल प्रिपरेशन फैसिलिटी, गगनयान कंट्रोल सेंटर, क्रू प्रशिक्षण सुविधा और लॉन्च पैड में आवश्यक संशोधन पूरे कर लिए गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गगनयान कार्यक्रम के तहत ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (एचएलवीएम3) का विकास और ग्राउंड परीक्षण पूरा हो चुका है। इसके अलावा चालक दल और सर्विस मॉड्यूल की प्रणोदन प्रणाली, ईसीएलएसएस इंजीनियरिंग मॉडल, तथा क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) के पांच प्रकार के मोटर्स का विकास और स्थैतिक परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया है। डॉ. सिंह ने बताया कि गगनयान के लिए आवश्यक अवसंरचना जैसे ऑर्बिटल मॉड्यूल प्रिपरेशन फैसिलिटी, गगनयान कंट्रोल सेंटर, क्रू प्रशिक्षण सुविधा और लॉन्च पैड में आवश्यक संशोधन पूरे कर लिए गए हैं।
उन्होंने कहा ‘‘इसके साथ ही प्रीकर्सर मिशन के तहत टेस्ट व्हीकल (टीवी-डी1) के माध्यम से क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया, जबकि आगामी टीवी-डी2 और आईएडीटी-01 मिशनों पर कार्य प्रगति पर है। सिंह ने बताया कि पहले मानवरहित मिशन (जी1) के तहत लॉन्च स्टेज, मोटर्स, क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल की संरचनाएँ तैयार हो चुकी हैं और उनका प्रारंभिक परीक्षण किया जा चुका है। उनहोंने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर मानव मिशन के बारे में बताया कि गगनयान कार्यक्रम भारत को एक पूर्ण अंतरिक्ष कौशल संपन्न राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ‘‘इसके बाद अगला लक्ष्य पृथ्वी की निचली कक्षा में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना करना है, ताकि दीर्घकालिक मानव अंतरिक्ष मिशन संभव हो सकें।'' सिंह ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल जून 2028 तक प्रक्षेपित किया जाएगा और फिर दिसंबर 2028 तक उस मॉड्यूल से एक डॉकिंग मिशन भी भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि 2035 तक सभी पाँच मॉड्यूल मिलाकर एक पूर्ण रूप से कार्यशील भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित किया जाएगा। डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि 2040 तक भारत का लक्ष्य एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर उतारने का है जिसके लिए इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के केंद्रों में आवश्यक प्रौद्योगिकी, लॉन्च यान और ऑर्बिटल मॉड्यूल के विन्यास को लेकर कार्य प्रगति पर है।
 

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