दुनियाभर में जुड़वा बच्चों की तादाद में तेजी से हुई वृद्धि, हर साल पैदा हो रहे 16 लाख जुड़वा बच्चे
नई दिल्ली. पूरी दुनिया में जुड़वा बच्चों की संख्या में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है। आजकल जुड़वा बच्चा होना सामान्य बात हो गई। मौजूदा समय में जितने जुड़वे बच्चे पैदा हो रहे हैं उतने इतिहास में कभी नहीं हुआ। पिछले 40 साल में एक-तिहाई जुड़वा बच्चों की पैदाइश हुई है। जुड़वे बच्चे को लेकर एक वैश्विक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है।
विश्व में करीब हर 40 में से एक बच्चा जुड़वा के रूप में पैदा हो रहा है। हालांकि पहले के मुकाबले यह संख्या बहुत ज्यादा है। डॉक्टरों की मदद (आईवीएफ) से होने वाली बच्चों की पैदाइश को इसके लिए सबसे बड़ी वजह बताया जा रहा है।
साइंस जर्नल ह्यूमन रिप्रोडक्शन में छपी एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर साल 16 लाख जुड़वा बच्चे पैदा हो रहे हैं। वहीं, रिसर्च में शामिल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिश्टियान मोंडेन का कहना है कि जुड़वां बच्चों की तुलनात्मक और विशुद्ध संख्या दुनिया में बीसवीं सदी के मध्य के बाद अब सबसे ज्यादा है और यह सर्वकालिक रूप से सबसे ज्यादा रहने की उम्मीद है।
पांच साल तक आंकड़े जुटाए
शोधकर्ताओं ने इसके लिए 165 देशों से साल 2010-2015 के बीच के आंकड़े जुटाए और उनका विश्लेषण किया। इस दौरान दुनिया के 99 फीसदी जनसंख्या को इसमें शामिल किया गया। जुड़वा बच्चे पैदा होने की दर सबसे ज्यादा अफ्रीका में है। हालांकि शोधकर्ताओं ने इसके लिए अफ्रीका महाद्वीप और बाकी दुनिया के बीच जेनेटिक फर्क को इसके लिए जिम्मेदार माना है। एक शोधकर्ता ने बताया कि संसार के गरीब देशों में जुड़वा बच्चों की संख्या बढ़ने से चिंता भी है।
तकनीक की मदद
विकसित देशों में 1970 के दशक से प्रजनन में मदद करने वाली तकनीक यानी एआरटी का उदय हुआ। इसके बाद से इसने जुड़वा बच्चों के जन्म के मामलों में बड़ा योगदान दिया है। अब बहुत सी महिलाएं ज्यादा उम्र में मां बन रही हैं और फिर उनके जुड़वां बच्चे होने के आसार बढ़ जाते हैं। महिलाएं अपना परिवार ज्यादा उम्र में अकेले रहने के बाद शुरू कर रही हैं और इसके साथ ही कुल मिला फर्टिलिटी रेट में आई गिरावट को भी इसके लिए जिम्मेदार बताया गया है।
जुड़वा पैदा होने की सबसे तेज दर
महादेश दर
उत्तरी अमेरिका 71 फीसदी
यूरोप 60 फीसदी
एशिया 32 फीसदी
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