प्यार में जान दी, ट्रेन ड्राइवर ने हॉर्न बजाया और हटने के लिए चिल्लाया भी पर दोनों हाथ पकड़ कर ट्रैक पर खड़े रहे
भोपाल। भोपाल के एक प्रेमी जोड़े ने ट्रेन से कट कर जान दे दी। शव शहर से 40 किलोमीटर दूर भीमबेटका के पास रेलवे ट्रैक पर मिला था। घटना 3 दिन पहले की है। दो थानों की पुलिस 3 दिन से दोनों की तलाश कर रही थी।
पुलिस ने बताया कि ट्रेन के ड्राइवर के मुताबिक घटना के समय दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़कर ट्रैक पर खड़े थे। उसने हॉर्न बजाया और चिल्लाकर हटने के लिए कहा। लेकिन दोनों नहीं हटे। पुलिस ने बताया कि लड़की की सगाई कहीं और हो गई थी, जिससे वह नाराज थी। पुलिस को आशंका है कि उसने इसी कारण अपने प्रेमी के साथ यह कदम उठाया। हालांकि दोनों के पास कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
छोला मंदिर पुलिस के अनुसार एक दिन पहले शिव नगर में रहने वाले एक परिवार ने 17 साल की नाबालिग की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। परिजनों ने बताया था कि उनकी बेटी 19 मार्च को घर से बिना बताए कहीं चली गई। उसकी काफी तलाश की, लेकिन उसका पता नहीं चला। इससे एक दिन पहले निशातपुरा पुलिस ने 19 साल के असलम की गुमशुदगी दर्ज की थी।
इस दौरान भोपाल पुलिस ने जब पड़ताल की तो औबेदुल्लागंज पुलिस ने उनसे इस संबंध में संपर्क किया। उन्होंने बताया कि 19 मार्च को एक लड़का-लड़की ने भीमबेटका के पास रेलवे ट्रैक पर जन शताब्दी ट्रेन के सामने आकर जान दे दी थी। मृतकों के पास शिनाख्ती के नाम पर कुछ नहीं मिला था। इधर, औबेदुल्लागंज पुलिस की सूचना पर छोला मंदिर के साथ ही निशातपुरा पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। छोला मंदिर पुलिस के साथ पहुंचे परिजनों ने लड़की और निशातपुरा पुलिस के साथ पहुंचे परिजनों ने लड़के की पहचान 19 साल के असलम के रूप में की।
पुलिस ने बताया कि दोनों ने 19 मार्च को ही ट्रेन के सामने आकर जान दे दी थी। जन शताब्दी के ड्राइवर ने पुलिस को घटना की सूचना दी थी। उसने बताया था कि उसने काफी हॉर्न बजाया और दोनों को ट्रैक से हटने के लिए चिल्लाया भी। लेकिन वे एक दूसरे का हाथ पकड़े रहे और ट्रैक से नहीं हटे।
पुलिस ने बताया कि नाबालिग लड़की और असलम एक दूसरे को प्यार करते थे। लड़की की सगाई कहीं और पक्की हो गई थी। 19 मार्च की दोनों घर से बिना बताए निकल गए थे। उसके बाद से उनका कुछ पता नहीं था। परिजन उनकी तलाश कर रहे थे। लेकिन उन्हें अहसास भी नहीं था कि दोनों ने खुदकुशी जैसा कदम उठा लिया होगा।
पुलिस के अनुसार पड़ताल में पता चला कि दोनों भोपाल से एक टैक्सी लेकर भीमबेटका पहुंचे थे। जिसके लिए दोनों ने 1600 रुपए भी टैक्सी ड्राइवर को दिए थे। पुलिस उसी टैक्सी ड्राइवर की मदद से औबेदुल्लागंज तक पहुंच पाई और उसने ही पुलिस को दोनों को रेलवे ट्रैक के पास छोड़े जाने की जानकारी भी दी थी।
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