ब्रेकिंग न्यूज़

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर अपडेट करने को कैबिनेट की मंजूरी, 8500 करोड़ रुपए का फंड जारी

नई दिल्ली. केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अपडेट करने को मंजूरी दे दी है। एनपीआर अपडेशन के लिए कैबिनेट ने 8500 करोड़ रुपए के फंड आवंटन को भी स्वीकृति दी है। इसमें देश के नागरिकों का डेटा होगा। अगले साल अप्रैल से एनपीआर अपडेट करने का काम शुरु किया जाएगा।


1. क्या पहली बार जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लाया जा रहा है?

नहीं, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में इसे शुरु किया गया। अब केवल इसे अपडेट किया जा रहा है। 2011 की जनगणना के लिए 2010 में घर-घर जाने के दौरान ही एनपीआर के लिए जानकारी इकठ्ठा की गई थी। इस डाटा को 2015 में घर-घर सर्वे करके अपडेट किया गया था। इस जानकारी का डिजिटलाइजेशन भी किया गया।

2. एनपीआर के लिए आंकड़े कब और कहां से इकठ्ठा किए जाएंगे?

रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस (जनगणना) कमिश्नर के मुताबिक, असम को छोड़कर देश की सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल से सितंबर 2020 तक जनगणना के आंकड़े जुटाए जाएंगे। इसी दौरान एनपीआर को भी अपडेट किया जाएगा। इसके लिए इसी साल अगस्त में नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था।

3. एनपीआर क्या है और किसके लिए है?

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) देश के सभी स्थानीय निवासियों का ब्यौरा है। स्थानीय स्तर का अर्थ गांव, कस्बा, जिला से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर डाटाबेस तैयार करना है।  इसे ‘नागरिकता कानून 1955’ और ‘नागरिकता पंजीयन व राष्ट्रीय पहचान पत्र आवंटन नियम, 2003’ के मुताबिक तैयार किया जाता है। देश के हर स्थानीय निवासी को एनपीआर में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। अगर कोई बाहरी (विदेशी) व्यक्ति देश के किसी हिस्से में छह महीने से ज्यादा समय से रह रहा है, तो उसका ब्यौरा भी एनपीआर में दर्ज होगा।

4. एनपीआर, एनआरसी और सीएए में क्या फर्क है?

एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर): इसका इस्तेमाल सरकार अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए करती है। लोगों के बायोमेट्रिक डाटा के जरिए योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान करने में मदद मिलती है। अगर कोई बाहरी व्यक्ति देश के किसी हिस्से में छह महीने से ज्यादा समय से रह रहा है, तो उसका ब्यौरा भी एनपीआर में दर्ज किया जाता है। एनपीआर में लोगों द्वारा दी गई सूचना को ही सही माना जाता है। यह नागरिकता का प्रमाण नहीं होता।

एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर): इसके जरिए देश में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों की पहचान की जाती है। सरकार इसके लिए सूचना जारी करके किसी भी क्षेत्र में रहने वाले लोगों से उनकी पहचान के वैध दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहती है। इन दस्तावेजों का परीक्षण किया जाता है। इसके बाद वैध नागरिकों की सूची प्रकाशित की जाती है। इसमें दावे-आपत्ति का प्रावधान भी होता है। इसके बाद नागरिकता की अंतिम सूची जारी की जाती है। इस सूची में शामिल लोगों को ही राज्य या देश का नागरिक माना जाता है। हाल ही में असम में एनआरसी लागू की गई है।

सीएए (नागरिकता संशोधन कानून): नए कानून के तहत पाक, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। जो 31 दिसंबर 2014 से पहले आ गए हैं, उन्हें नागरिकता मिलेगी। इससे भारतीय नागरिक प्रभावित नहीं होंगे। उन्हें संविधान के तहत मिले मौलिक अधिकार हासिल होंगे। सीएए सहित कोई भी कानून इन अधिकारों को नहीं छीन सकता। सीएए से मुस्लिम भी प्रभावित नहीं होंगे। किसी भी देश या धर्म का नागरिक भारत के नागरिकता कानून 1955 की धारा 6 के तहत आवेदन कर सकता है। मौजूदा संशोधन उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करता है।

5. एनपीआर लाने का उद्देश्य क्या है?एनपीआर का उद्देश्य देश के हर स्थानीय निवासी की पहचान का संपूर्ण डाटाबेस तैयार करना है। इसमें उसका परिचय और बायोमेट्रिक ब्यौरा शामिल रहेगा। सरल शब्दों में यह देश के हर नागरिक की जानकारी को एक जगह इकठ्ठा करने का काम है।
 

6. एनपीआर में कौन सी जानकारी ली जाती है?

सरकारी कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों से उनके बारे में जानकारी लेते हैं। हर स्थानीय निवासी से नाम, माता-पिता, लिंग, वैवाहिक स्थिति, पति/पत्नी का नाम, घर के मुखिया से संबंध, लिंग, जन्मतिथि, जन्मस्थान, राष्ट्रीयता, वर्तमान पता, निवास की अवधि, शैक्षणिक योग्यता, व्यवसाय की जानकारी मांगी जाती है। इसे नोट करके उसकी रसीद भी दी जाती है।

7. एनपीआर के मुताबिक स्थानीय निवासी कौन है?
जनसंख्या रजिस्टर में शामिल करने के लिए स्थानीय निवासी का अर्थ किसी स्थान पर 6 महीनों या उससे ज्यादा समय से रह रहा व्यक्ति है। उस स्थान पर अगले 6 महीनों या उससे ज्यादा वक्त तक उसी स्थान पर रहने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को भी स्थानीय निवासी माना जाएगा। इसमें लोगों द्वारा दी गई सूचना को ही दर्ज किया जाएगा।
 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english