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सारे मनोरथ पूरे करने वाला है कार्तिक का महीना, छात्र इन बातों का रखें खयाल
भगवान विष्णु को समर्पित कार्तिक के महीने की शुरुआत 21 अक्टूबर से होने जा रही है. इसी माह में भगवान विष्णु देवोत्थान एकादशी के दिन चार महीने की निद्रा से जागते हैं. इसके साथ चातुर्मास की समाप्ति हो जाती है और शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. मौसम के लिहाज से भी ये महीना काफी अच्छा होता है. इसमें न ज्यादा सर्दी होती है और न ही ज्यादा गर्मी.
इसके अलावा कार्तिक के महीने में सालभर के कई बड़े त्योहार जैसे करवाचौथ, अहोई अष्टमी, दीवाली, भाईदूज आदि पड़ते हैं. इस कारण भी कार्तिक माह काफी विशेष माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पढ़ाई के लिहाज से भी इस महीने को काफी उत्तम माना गया है? ज्योतिषाचार्य  कहते हैं कि कार्तिक के महीने में अगर छात्र कुछ आदतों का त्याग करके अध्ययन करें, तो उनकी एकाग्रता बढ़ने लगती है और वे तेजी से आगे बढ़ते हैं.
सफलता की प्रबल संभावनाएं होतीं हैं
ज्योतिषाचार्य के अनुसार कार्तिक का महीना  सद्बुद्धि, लक्ष्मी और मुक्ति प्राप्त कराने वाला मास भी कहा जाता है. इस महीने को रोगनाशक माह भी कहा जाता है.  कार्तिक मास में  मौसम और अन्य परिस्थितियां हर किसी के लिए अनुकूल होती हैं, इसका छात्रों को लाभ लेना चाहिए. यदि आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो कुछ आदतों को त्यागकर कड़ी मेहनत के साथ तैयारी में जुट जाएं. ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की कृपा तो होती ही है, साथ ही माता सरस्वती भी प्रसन्न होती हैं और छात्र बीमारी, परेशानी और तमाम विघ्नों से दूर होकर पूरा फोकस करके अपना काम कर पाते हैं. ऐसे में उनके सफल होने की संभावना काफी प्रबल हो जाती है. 
सफल होने के लिए अनुशासन के साथ कुछ आदतों का त्याग करना जरूरी होता है…
इन आदतों का करें त्याग
1. कार्तिक का महीना पूजा पाठ का महीना है, इसमें मांस का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही धूम्रपान और शराब से भी दूर रहना चाहिए. वैसे भी ये चीजें किसी भी लिहाज से अच्छी नहीं मानी जातीं. छात्रों को तो खासतौर पर इनसे दूर ही रहना चाहिए.
2. मालिश से शरीर हष्ट पुष्ट होता है, लेकिन कार्तिक मास में शरीर में मालिश करने की मनाही है. हालांकि नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली के दिन तेल से मालिश करना शुभ माना जाता है.
3. अगर आपको दाल पसंद है, तो इस महीने दाल का त्याग करना होगा. कार्तिक के महीने में उड़द, मूंग, मसूर, चना और मटर की दाल नहीं खानी चाहिए. अरहर की दाल खा सकते हैं. साथ ही राई राई खाने से भी परहेज करना चाहिए.
4. ब्रह्मचर्य का कड़ाई से पालन करें. ऐसे में उनका मन नहीं भटकता और वे पूरी निष्ठा से परिश्रम कर पाते हैं. इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होते हैं.
5. इस एक माह में अपनी विलासिताओं को त्यागने की बात कही गई है. मान्यता है कि इस माह में भगवान विष्णु पृथ्वीलोक में आकर लोगों का हाल देखते हैं. ऐसे में छात्र को अपने लक्ष्य के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए और सात्विक जीवन बिताना चाहिए.

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