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शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ये उपाय माना जाता है कारगर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार न केवल ग्रह दशा बल्कि आपसे जुड़ी हर वस्तु का अपना महत्व है। आपके आसपास जुड़ी हर वस्तु आप पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालती है। आप रोजमर्रा के जीवन में तेल का प्रयोग भी करते हैं फिर चाहे वह खाने के लिए हो या शरीर और बालों में लगाने के लिए लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी तेल से जुड़े ज्योतिषीय उपाय आपकी किस्मत बदल सकते हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं कि तेल का संबंध शनिग्रह से माना जाता है तो आइए जानते हैं तेल के टोटके और उसके प्रयोग के बारे में।
सरसों के तेल का उपाय
शनिवार के दिन एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उस तेल में अपनी छाया देखकर उसे शाम के समय शनि मंदिर में रखकर अपने घर आ जाएं। यदि आप पर शनि दोष है तो इस उपाय के प्रभाव से आपके ऊपर शनि की कृपा बनी रहेगी और शनिदोष से मुक्ति मिलेगी।
तिल के तेल का उपाय
यदि आप बहुत लंबे समय से किसी बीमारी से पीडि़त हैं तो 41 दिन तक लगातार तिल के तेल का दीप पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं। इस उपाय को करने से आपकी बीमारी में लाभ मिलेगा। इसके अलावा अपनी मनोकामन कि पूर्ति के लिए भी आप पीपल के पेड़ के नीचे दीया जल सकते हैं। 
चमेली के तेल का उपाय
चमेली का तेल हनुमान जी को बहुत प्रिय है। इसलिए प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पण करें। ध्यान रखें चमेली की तेल का दीपक नहीं जलाना बल्कि तेल उनके शरीर पर लगाना चाहिए। इस प्रकार विधि विधान से हनुमान जी का पूजन करने पर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शारीरिक कष्ट होंगे दूर 
यदि आप लंबे समय से शारीरिक कष्ट से जूझ रहें हैं तो शनिवार के दिन सवा किलो आलू और सवा किलो बैंगन लेकर उसकी सब्जी सरसों के तेल में बनाएं। और साथ ही सवा किलो आटे की पूड़ी भी सरसों के तेल में बनाएं। और यह भोजन गरीब, जरूरतमंद या दिव्यंगों को कर दें। यह उपाय लगातार पांच शनिवार तक करने से शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी। 
दुर्भाग्य दूर करने का उपाय
यदि आपका भाग्य आपका साथ नहीं दे रहा है और आपके बने बनाए कार्य पूरे नहीं हो रहे हैं तो आप शनिवार के दिन सरसों के तेल में गेहूं के आटे व पुराने गुड़ से सात पुए बनाएं। फिर एक पत्तल में सात मदार के फूल, सिंदूर, सरसों के तेल का आटे का दीपक, आदि सभी सामान लेकर शनिवार की ही रात में किसी चौराहे अथवा किसी सूनसान स्थान पर रख दें और कहें- हे मेरे दुर्भाग्य, मैं तुझे यहीं छोड़े रहा/रही हूं, कृपया अब मेरा पीछा कभी मत करना। इस बात का ध्यान रखें कि सामान रखने के बाद पीछे मुड़कर कभी न देखें।  

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