घर में किस दिशा में और कैसे लगाना चाहिए आईना, जानें जरूरी वास्तु नियम
-बालोद से प्रकाश उपाध्याय
वास्तु अनुसार रोजाना प्रयोग में आने वाले आईना का आप के जीवन की सुख-समृद्धि से काफी संबंध होता है. अपनी सुंदरता को निहारने के लिए हर व्यक्ति इसे अपने घर में लगवाता है. वास्तु के अनुसार शीशा, दर्पण या फिर कहें आईने में एक उर्जा होती है, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. ज्योतिष शास्त्र में ये माना गया है कि घर के भीतर लगे आइने को सही दिशा में लगाना बहुत आवश्यक है. घर में ऊर्जा का उचित संतुलन बनाए रखना, वास्तु के सबसे आवश्यक उद्देश्यों में से एक होता है. इससे आपके घर में सकारात्मक माहौल बनता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.
आइए दर्पण से जुड़े कुछ वास्तु नियम जानें..
आईने से जुड़े वास्तु नियम----------
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में चौकोर शीशा लगाना लाभकारी माना जाता है. यदि ये तिजोरी या अलमारी के सामने लगा हो, तो उससे धन की प्राप्ती होती है. वहीं गोल शीशा लगाना शुभ नहीं होता है.
बेडरूम में आईना लगाने से हमेशा बचना चाहिए. वास्तु अनुसार अगर बेडरूम में लगे आईने में आपके बेड का प्रतिबिंब दिखाई देता है, तो इससे घर में दोष आता है. इससे आप के दांपत्य जीवन पर बुरा असर पड़ता है और प्रेमी जोड़ में आपसी विश्वास और सामंजस्य की कमी भी आती है.
अपने घर में आईना लगाते वक्त ध्यान रखें कि इसे पूर्व और उत्तर दिशा में लगाए. मान्यता है कि उत्तर दिशा धन के देवता भगवान कुबेर का केंद्र होता है. इसलिए इस दिशा को हमेशा सकारात्मक रखना चाहिए. वास्तु अनुसार पश्चिम या दक्षिण दिशा में आईना लगाना अशुभ माना जाता है.
यदि आप के घर में टूटा शीशा लगा है तो उसे तुरंत हटा दें. माना जाता है कि टूटा शीशा घर की नकारात्मकता बढ़ाता है और आर्थिक नुकसान भी पहुंचाता है.
वास्तु के मुताबिक शीशे को कभी भी गंदा नहीं रखना चाहिए. शीशे के गंदे होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह अधिक बढ़ जाता है.
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