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 17 जनवरी को शनि देव कर रहे हैं राशि परिवर्तन, जानिए किस राशि के जातकों पर क्या पड़ेगा प्रभाव
बालोद से पंडित प्रकाश उपाध्याय
 भगवान शनि देव 17 जनवरी की सायं 6 बजकर 02 मिनट पर मकर राशि की यात्रा समाप्त करके अपनी स्वयं की ही राशि कुंभ में प्रवेश कर रहे हैं। इसी के साथ धनु राशि वालों की साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी और   मीन राशि वालों की साढ़ेसाती शुरू होगी। जानें शनि के राशि परिवर्तन का किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।  
 मेष राशि-
इस राशि के जातकों को शनिदेव बेहतरीन सफलता दिलाएंगे।  सोची-समझी सभी रणनीतियां कारगर सिद्ध होंगी। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों और बड़े भाइयों से मतभेद को बढ़ावा ना दें। कार्य व्यापार में उन्नति होगी। ु प्रेम संबंधी मामलों में उदासीन रहेंगे विद्यार्थियों और प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए भी समय बेहतरीन रहेगा। अच्छे प्रभाव के लिए  शनि के वैदिक मंत्र अथवा स्तोत्र का पाठ करें।
 वृषभ राशि-
इस राशि के जातकों को शनिदेव कई तरह के अप्रत्याशित परिणामों का सामना करवाएंगे। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहना पड़ेगा। कार्यक्षेत्र में भी षड्यंत्र का शिकार होने से बचें। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में किसी भी तरह के बड़े टेंडर के लिए आवेदन करना हो तो उस दृष्टि से ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। कोई भी बड़े से बड़ा कार्य आरंभ करना हो अथवा किसी नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करना हो तो भी ग्रह फल अति अनुकूल रहेगा। शनिदेव की कृपा हमेशा प्राप्त होती रहे इसके लिए शनि स्तोत्र का पाठ करें।
 मिथुन राशि-
राशि से नवम भाग्य भाव में गोचर करते हुए शनिदेव का प्रभाव जातक में साहस और पराक्रम की वृद्धि कराएगा किंतु कई बार कार्य बड़ी मंदगति से होगा जिससे  निराशा भी हो सकते हैं किंतु इन सब चीजों को अपने ऊपर हावी ना होने दें , क्योंकि सफलता आपको ही मिलेगी। काफी दिनों का प्रतीक्षित परिणाम सकारात्मक मिलेगा। विदेशी कंपनियों में सर्विस अथवा नागरिकता के लिए प्रयास करना हो तो ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। दूसरे देश की नागरिकता के लिए भी अवसर अनुकूल है शनि देव का और सुखद फल आपको मिलता रहे उसके लिए पीपल का वृक्ष लगाएं।
 कर्क राशि-
राशि से अष्टम आयु भाव पर गोचर करते हुए शनिदेव का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता विशेष करके स्वास्थ्य के प्रति आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। कार्यक्षेत्र में भी षड्यंत्र का शिकार होने से बचें, बेहतर रहेगा काम संपन्न करें और सीधे घर आएं। कोर्ट-कचहरी के मामले भी बाहर ही सुलझा लेना समझदारी रहेगी। पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद हल होंगे। ससुराल पक्ष से मतभेद और दांपत्य जीवन में कटुता न आने दें। विवाह संबंधी वार्ता में थोड़ा और समय लग सकता है। शनिदेव की शांति करवाना सभी कार्य बाधाओं से मुक्ति देगा।
 सिंह राशि-
राशि से सप्तम दांपत्य भाव में गोचर करते हुए शनिदेव कई तरह के अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव का सामना करवाएंगे। दांपत्य जीवन में शुभता आएगी। विवाह संबंधी वार्ता सफल रहेगी। साझा व्यापार करने से परहेज करें। कोई नया व्यापार आरम्भ करना हो तो भी समय अचछा रहेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। चुनाव से संबंधित कोई निर्णय लेना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से भी इनका प्रभाव बेहतरीन रहेगा। अपने स्वभाव में उग्रता न आने दें। योजनाओं को गोपनीय रखते हुए कार्य करेंगे तो अधिक सफल रहेंगे। शनिस्तोत्र का पाठ करना और भी शुभ परिणाम दायक रहेगा।
 कन्या राशि-
राशि से छठे शत्रु भाव में गोचर करते हुए शनिदेव बेहतरीन सफलता दिलाएंगे। काफी दिनों के प्रतीक्षित कार्य संपन्न होंगे। शत्रु परास्त होंगे । अदालती मामलों में भी निर्णय आपके पक्ष में आने के संकेत। पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद हल होगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों में निर्णय आपके पक्ष में आने के संकेत। यात्रा देशाटन का लाभ मिलेगा। अत्यधिक खर्च के कारण आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है। सब कुछ सुखद रहेगा किंतु इस अवधि के मध्य किसी भी बड़े कर्ज के लेन देन से बचें। शनिदेव की और शुभता आपको प्राप्त होती रहे उसके लिए शनि स्तोत्र का पाठ करें।
 तुला राशि-
राशि से पंचम विद्या भाव में गोचर करते हुए शनिदेव आपको जीवन के सर्वोच्च शिखर तक पहुंचाएंगे किंतु छल कपट और प्रपंचों से दूर रहना होगा अन्यथा नुकसान भी हो सकता है। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। प्रेम संबंधी मामलों में प्रगाढ़ता आएगी। प्रेम विवाह भी करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। आय के साधन बढ़ेंगे। उच्चाधिकारियों से मेलजोल बढ़ेगा, उनसे लाभ भी होगा। काफी दिनों का दिया गया धन भी वापस मिलने की उम्मीद।  शनि देव के वैदिक मंत्र का जप करना शुभता में वृद्धि करेगा।
 वृश्चिक राशि-
राशि से चतुर्थ सुख भाव में गोचर करते हुए शनिदेव का प्रभाव काफी उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। सफलताओं के बावजूद कहीं न कहीं पारिवारिक कलह और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ेगा। मित्रों तथा संबंधियों से भी अप्रिय समाचार प्राप्ति के योग। जमीन जायदाद से जुड़े मामलों का निपटारा होगा। मकान अथवा वाहन का क्रय करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। कार्य व्यापार में उन्नति होगी। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। शनिदेव के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए इनकी शांति करवाना और पीपल वृक्ष का आरोपण करना सुखद रहेगा।
 धनु राशि-
राशि से तृतीय पराक्रम भाव में गोचर करते हुए शनिदेव आपके लिए प्रतीक्षित परिणामों का सुखद अंत करवाएंगे। जैसी सफलता चाहेंगे हासिल करेंगे। अपने अदम्य साहस और पराक्रम के बलपर विषम परिस्थितियों पर भी आसानी से नियंत्रण पा लेंगे। लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना होगी। धर्म और अध्यात्म में रूचि बढ़ेगी। संतान संबंधी चिंता परेशान करेंगी उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अपनी ऊर्जाशक्ति का सदुपयोग करते हुए कार्य करेंगे तो अधिक सफल रहेंगे। शनिदेव का वैदिक मंत्र जप और सफलता देगा।
 मकर राशि-
राशि से द्वितीय धनभाव में गोचर करते हुए शनिदेव आर्थिक पक्ष मजबूत करेंगे। काफी दिनों का दिया गया धन भी वापस मिलने की उम्मीद है। पैतृक संपत्ति एवं वाहन सुख प्राप्ति के योग। जमीन-जायदाद अथवा मकान वाहन का क्रय करना चाह रहे हो तो उस दृष्टि से ग्रह फल अति अनुकूल रहेगा। स्वास्थ्य विशेष करके दाहिनी आंख से संबंधित समस्या से सावधान रहें। शरीर के जोड़ों में भी दर्द बढ़ सकता है उस पर भी ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र में षड्यंत्र का शिकार होने से बचें।   शनि स्तोत्र का पाठ करना अति उत्तम रहेगा।
 कुंभ राशि-
आपकी राशि में गोचर करते हुए शनि देव का प्रभाव अच्छा ही कहा जाएगा यद्यपि ऐसा भी माना जा सकता है कि साढ़ेसाती का दुष्प्रभाव भी मिल सकता है किंतु यह सब आपके चाल, चेहरा और चरित्र पर निर्भर करेगा। जैसा कार्य करेंगे वैसे ही शनि की कृपा मिलेगी। शासन सत्ता का पूर्ण सहयोग मिलेगा। अदालती मामलों में निर्णय आपके पक्ष आने के संकेत हैं। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए भी समय बेहतरीन रहेगा। शनिदेव का वैदिक मंत्र जाप सुख में वृद्धि करेगा।
 मीन राशि-
राशि से बारहवें व्यय भाव में गोचर करते हुए शनिदेव का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। अत्यधिक भागदौड़ और खर्च का सामना तो करना ही पड़ेगा आर्थिक तंगी बढ़ सकती है इसलिए अपव्यय से बचें। साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव से भी दो-चार होना पड़ेगा इसलिए बेहतर रहेगा कि अपने कार्य पर ध्यान दें और दूसरों को परेशान करने से बचें।   शनिदेव की शांति करवाना, पीपल का वृक्ष लगाना सर्वोत्तम रहेगा।

 

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