कौन है बुध की पत्नी...जो बाद में बन गई थी पुरुष
पौराणिक आख्यानों के अनुसार इला, भगवान बुध की पत्नी हैं। इला ऋग्वेद में 'अन्न' की अधिष्ठातृ' मानी गई हैं, यद्यपि सायण के अनुसार उन्हें पृथ्वी की अधिष्ठातृ मानना अधिक उपयुक्त है। वैदिक साहित्य में इला को मनु को मार्ग दिखलाने वाली एवं पृथ्वी पर यज्ञ का विधिवत् नियमन करनेवाली कहा गया है। इला के नाम पर ही जम्बूद्वीप के नवखंडों में एक खंड इलावृत वर्ष कहलाता है। महाभारत तथा पुराणों की परंपरा में इला को बुध की पत्नी एवं पुरूरवा की माता कहा गया है।
पौराणिक आख्यानों के अनुसार इला, भगवान बुध की पत्नी हैं। वैवस्वत मनु के दस पुत्र हुए। उनके एक पुत्री भी थी इला, जो बाद में पुरुष बन गई। वैवस्वत मनु ने पुत्र की कामना से मित्रावरुण यज्ञ किया। उनको पुत्री की प्राप्ति भी हुई जिसका नाम इला रखा गया। उन्होंने इला को अपने साथ चलने के लिए कहा किन्तु इला ने कहा कि क्योंकि उसका जन्म मित्रावरुण के अंश से हुआ था, अत: उन दोनों की आज्ञा लेनी आवश्यक थी। इला की इस क्रिया से प्रसन्न होकर मित्रावरुण ने उसे अपने कुल की कन्या तथा मनु का पुत्र होने का वरदान दिया।
कन्या भाव में उसने चन्द्रमा के पुत्र बुध से विवाह करके पुरूरवा नामक पुत्र को जन्म दिया। उसके बाद वह सुद्युम्न बन गयी और उसने अत्यन्त धर्मात्मा तीन पुत्रों से मनु के वंश की वृद्धि की जिनके नाम इस प्रकार हैं- उत्कल, गय तथा विनताश्व।
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