फिरोजा रत्न : धारण करने के नियम और लाभ
-पं. प्रकाश उपाध्याय
रत्न ज्योतिष में फिरोजा को गुरु ग्रह का रत्न माना गया है। मान्यता है कि फिरोजा रत्न पहनने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। फिरोजा को गुडलक का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि फिरोजा पहनने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है और धन लाभ के नए मौके मिलते हैं। नेगेटिविटी को दूर करने के लिए फिरोजा रत्न पहनना लाभकारी माना जाता है। वैवाहिक जीवन में खुशहाली और करियर में सफलता के लिए यह भी रत्न पहना जा सकता है।
आइए जानते हैं इस रत्न को धारण करने के नियम और फायदे...
फिरोजा रत्न कब धारण करें :
फिरोजा रत्न पहनने के लिए सबसे उत्तम दिन गुरुवार और शुक्रवार माना जाता है। सुबह के समय इस रत्न को धारण करना शुभ रहेगा।
अनामिका उंगली में फिरोजा पहना चाहिए।
फिरोजा रत्न पहनने वालों को साबुन से स्नान करते समय इस रत्न को उतारकर रख देना चाहिए। साबुन से रत्न का रंग फीका पड़ जाता है।
इस रत्न को पहनने से पहले दूध और गंगाजल में डूबोकर इसे अभिमंत्रित कर लें।
इस रत्न को अंगूठी के अलावा ब्रेसलेट या लॉकेट की तरह भी पहना जा सकता है।
फिरोजा पहनने के लाभ :
मान्यता है कि फिरोजा रत्न पहनने से कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है.
कॉन्फिडेंस की कमी को दूर करने के लिए भी फिरोजा रत्न लाभकारी माना जाता है।
वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए फिरोजा रत्न धारण कर सकते हैं।
रत्न ज्योतिष में नौकरी-कारोबार में सफलता प्राप्ति के लिए भी फिरोजा रत्न पहनना शुभ फलदायी माना गया है।
क्रिएटिविटी से जुड़े लोगों के लिए यह रत्न धारण करना बेहद शुभ रहेगा।
Leave A Comment