दिवाली की रात आंखों में जरूर लगाया जाता है काजल
दिवाली का त्यौहार कई मायनों में बेहद खास होता है। इस दिन से सिर्फ मौज-मस्ती और ढेर सारी मिठाइयां ही नहीं जुड़ी होती बल्कि जुड़ी होती हैं ढेर सारी परंपराएं। शाम को श्री गणेश और माता लक्ष्मी का पूजन हो, मोहल्ले में खील-बताशे और मिठाइयों का प्रसाद बांटना हो या घी के दीए जलाने हों। हर घर की अपनी-अपनी कुछ खास परंपराएं हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी आज भी उसी तरह निभाई जा रही हैं। इन्हीं में से एक है रात के समय आंखों में काजल लगाने की परंपरा। ये काजल दिवाली की रात दीए से बनाया जाता है और घर के सभी लोग इसे अपनी आंखों में लगाते हैं। आज हम इसके पीछे की वजह और काजल बनाने के कुछ हेल्दी तरीकों के बारे में बात करेंगे।
इस वजह से लगाया जाता है काजल
काजल को बुरी नजर से बचाने वाला कहा जाता है। बस यही कारण कुछ दिवाली की इस परंपरा के पीछे भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली की रात दीपक से बने काजल को लगाने से घर-परिवार को किसी की बुरी नजर नहीं लगती और घर में दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की होती है। धार्मिक कारणों के अलावा अगर दूसरे कारणों की बात की जाए तो कहते हैं कि दिवाली की रात पटाखों से काफी ज्यादा प्रदूषण हो जाता है। इसी प्रदूषण से आंखों को प्रोटेक्ट करने के लिए ये काजल लगाया जाता है। इससे आंखों की गंदगी बाहर निकल आती है और आंखे सुरक्षित रहती हैं।
दिवाली के दीए से ऐसे तैयार करें काजल
दिवाली की शाम लक्ष्मी पूजन के दौरान भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के आगे तेल का दीया जलाया जाता है। पूजन के बाद इसी दीए से काजल बनकर तैयार किया जाता है, जिसे घर में सभी सदस्यों की आंखों में लगाया जाता है। इस काजल को बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए मिट्टी के दीए में सरसों का तेल डालकर इसमें कॉटन की बाती को डुबोकर जलाएं। अब दीए की लौ को कवर करते हुए कोई कटोरी या मिट्टी का बर्तन पलट कर इस प्रकार रखें कि इसमें धुएं का कालापन जमा होने लगे। थोड़ी देर बाद जब ढेर सारा धुआं बर्तन में जमा हो जाए तो इसे एक जगह पर इकट्ठा कर के, इसमें एक दो बूंद देसी घी डालकर अच्छे से मिक्स कर दें। इस तरह से होममेड काजल बनकर तैयार हो जाएगा।
Leave A Comment