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  हरिद्वार महाकुंभ जाना चाहते हैं, तो पहले जान लें ये नियम कायदे
-एक स्नान, तीन डुबकी का फॉर्मूला भी लागू  
 हिंदू धर्म में कुंभ मेले का बहुत महत्व है. ये दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। भारत में हर 12वें वर्ष हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में इसका आयोजन किया जाता है। हालांकि, कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार ये पहली बार हरिद्वार में यह 12 साल की बजाए 11वें साल में आयोजित होगा। 
 महाकुंभ 2021 के लिए हरिद्वार तैयार है, लेकिन इस बार शासन-प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है श्रद्धालुओं का कोरोना महामारी से बचाव सुनिश्चित करना। अधिकारियों का सबसे अधिक ध्यान इस बात पर है कि लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं और साधु-संतों को कुंभ में हिस्सा लेने के बाद कैसे सुरक्षित वापस भेजा जाए।
 हरिद्वार महाकुंभ 2021 के लिए क्या है प्रोटोकाल
 अगर आप भी कुंभ में स्नान के लिए जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको कोरोना प्रोटोकॉल के बारे में जानना जरूरी है। आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल ने इसके लिए बड़ी कार्ययोजना तैयार की है जिस पर अमल भी शुरू हो गया है।  
 कोरोना लक्षण दिखने पर एंट्री नहीं
 जो लोग सिम्पटोमैटिक हैं यानि जिनमें कोविड-19 महामारी से जुड़े लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें कुंभ मेला क्षेत्र में एंट्री नहीं मिलेगी। उन्हें या तो लौटा दिया जाएगा या फिर महामारी इलाज के लिए बने सेंटर में रेफर कर दिया जाएगा।
 निगेटिव रिपोर्ट रखें साथ
 निगेटिव रिपोर्ट रखें साथ- महाकुंभ स्नान के लिए आने वाले ऐसे श्रद्धालु जो एक दिन के रात्रि प्रवास (नाइट हाल्ट) के लिए आना चाहते हैं, उनको कोविड-19 टेस्ट कराने के बाद ही आने की हिदायत है। अगर उनकी रिपोर्ट निगेटिव है तभी वो कुंभ क्षेत्र में जाएं। 
 मास्क नहीं पहना तो कंपाउंडिंग या समन
 कुंभ मेले में मास्क अनिवार्य है। मास्क नहीं पहना तो कंपाउंडिंग या समन- मास्क पहनना सभी के लिए अनिवार्य है। जो मास्क नहीं पहनेगा उसके खिलाफ कंपाउंडिंग या समन की कार्रवाई भी मेला पुलिस की ओर से अमल में लायी जाएगी। सभी से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील भी मेला प्रशासन की ओर से की जा रही है। हालांकि इस संबंध में आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल का मानना है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करना व्यवहारिक रूप से थोड़ा कठिन जरूर है मगर सभी से अपनी सुरक्षा के लिए इसके पालन की अपील की जा रही है।
 ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन
 स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अपना रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन पोर्टल पर करवाना होगा। पोर्टल पर उपलब्ध डेटा से यह पता चल सकेगा कि किस-किस दिन अधिक भीड़ रहेगी। मेला प्रशासन उसी हिसाब से व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देगा। इसके अलावा अगर स्नान के दौरान कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाएगा तो कांट्रैक्ट ट्रेसिंग को बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा सकेगा।
 बच्चों-बुजुर्गों से नहीं आने की अपील
 जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा महाकुंभ स्नान में 10 साल से छोटे बच्चों और बुजुर्गों के नहीं आने के लिए अपील की जा रही है।
 कोमॉर्बिडिटी वाले स्नान के वक्त बरतें खास एहतियात
 जिन लोगों में कोमॉर्बिडिटी (सह-रुग्णता) हैं, और जिनकी इम्युनिटी कंप्रोमाइज्ड है, उन्हें स्नान के दौरान विशेष एहतियात बरतने की हिदायत दी गई है।
 लगा सकेंगे सिर्फ तीन डुबकी
 कुंभ में स्नान के दौरान घाटों पर मनचाही डुबकियां लगाने की छूट नहीं होगी। श्रद्धालु गंगा तट पर आएं और स्नान कर सकुशल वापस जाएं, इसके लिए घाटों पर उनका कम से कम समय तक रहना सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए  एक स्नान, तीन डुबकी का फॉर्मूला भी लागू किया गया है।

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