ब्रह्म मुहूर्त में कभी ना करें ये काम
शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त के समय को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। प्राचीन काल में लोग और ऋषि मुनि सदैव ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ईश्वर का वंदन किया करते थे। घरों में भी बड़े बुजुर्ग लोग सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि कर ईश्वर का नाम जपने बैठने जाते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में उठने को कहते हैं। ब्रह्म मुहूर्त न केवल शास्त्रों की दृष्टि से बल्कि आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा पद्धति में भी इस समय को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हिंदू धर्म में ब्रह्म का अर्थ ह ज्ञान और मुहूर्त का अर्थ है समय या अवधि । ग्रंथों में ब्रहम मुहूर्त को विशिष्ट कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ करार दिया गया है।
आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में जागने से व्यक्ति रोग मुक्त रहता है और आयु में वृद्धि होती है। ब्रह्म मुहूर्त में उठना और शुभ कार्य करना आपको लाभान्वित कर सकता है लेकिन इस समय कुछ कार्य हैं जिन्हें वर्जित माना गया है। इन कार्यों को करने से आपके शरीर को रोग घेर लेते हैं और आपकी आयु में कमी आती है। तो चलिए जानते हैं कि कौन से कार्य ब्रह्म मुहूर्त में बिल्कुल नहीं करने चाहिए।
मन में न लाएं नकारात्मक भाव
ब्रह्म मुहूर्त में व्यक्ति का मस्तिष्क जाग्रत रहता है। यह समय जीवन के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने, अहम योजनाएं बनाने एक लिए बहुत उचित रहता है। इस समय मन में नकारात्मक भाव नहीं लाने चाहिए, अन्यथा आपको पूरे दिन तनाव रहता है। जिससे आपको मानसिक रूप से परेशानी हो सकती है।
प्रणय संबंध
ब्रह्म मुहूर्त ईश्वर के पूजन वंदन का समय माना गया है, यह समय बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस समय भूलकर भी प्रणय संबंध नहीं बनाने चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार भी ऐसा करना वर्जित माना गया है। इससे आपके शरीर को रोग घेरने लगते हैं और आपकी आयु का नाश होता है।
न करें भोजन
कुछ लोग सुबह को उठते ही पलंग पर ही चाय नाश्ता करने लगते हैं, ये आदत सेहत के लिहाज से बहुत खराब होती है। सुबह को उठते ही या फिर ब्रह्म मुहूर्त में भूलकर भी भोजन नहीं करना चाहिए। इससे बीमारियां घेरने लगती हैं।
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