सत्कर्म के लिये क्या करना चाहिये? जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा समाधान!!
जगदगुरु कृपालु भक्तियोग तत्वदर्शन - भाग 305
एक साधक का प्रश्न ::: सत्कर्म के लिये क्या करना चाहिये?
जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज द्वारा समाधान ::: केवल भगवान की भक्ति। राधाकृष्ण की भक्ति ही सत्कर्म है। इससे अन्तःकरण शुद्ध होगा। तो अन्तःकरण शुद्ध होने पर जितने भी गुण हैं सत्य, अहिंसा, दया, परोपकार, नम्रता सब अपने आप आ जायेंगे। जितना-जितना अन्तःकरण शुद्ध होगा, उतने-उतने गुण अपने आप आयेंगे। और ऐसे सोचने से, उसको विल पॉवर कहते हैं, थोड़ा-थोड़ा लाभ होता है। टेम्पररी।
हरावभक्तस्य कुतो महद्-गुणा मनोरथेनासति धावतो बहिः।
(भागवत 5-18-12)
भागवत में कहा गया कि बिना श्रीकृष्ण भक्ति के दैवी संपत्ति अर्थात सत्य, अहिंसा आदि गुण जिसको संसार में कैरेक्टर कहते हैं, वो नहीं आ सकता।
०० प्रवचनकर्ता ::: जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज
०० सन्दर्भ ::: साधन साध्य पत्रिका, अक्टूबर 2015 अंक
०० सर्वाधिकार सुरक्षित ::: राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली के आधीन।
+++ ध्यानाकर्षण/नोट ::: जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा प्रगटित सम्पूर्ण साहित्यों की जानकारी/अध्ययन करने, साहित्य PDF में प्राप्त करने अथवा उनके श्रीमुखारविन्द से निःसृत सनातन वैदिक सिद्धान्त का श्रवण करने के लिये निम्न स्त्रोत पर जायें -
(1) www.jkpliterature.org.in (website)
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(3) Sanatan Vedik Dharm - Jagadguru Kripalu Parishat (App)
(4) Kripalu Nidhi (App)
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